क्या चीन ने युगांडा का एंटेबी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा हथिया लिया

Edited By ,Updated: 05 Dec, 2021 04:41 AM

did china seize uganda s entebi international airport

चीन ने वर्ष 2013 में अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना बी.आर.आई. के तहत भारी रकम अफ्रीकी महाद्वीप में निवेश की थी, जिसमें जिबूती, केन्या, माली, घाना, मोजाम्बिक समेत कई देश हैं। यूगांडा भी इन देशों में से एक है, जिसके बारे में खबरों का बाजार गर्म है

चीन ने वर्ष 2013 में अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना बी.आर.आई. के तहत भारी रकम अफ्रीकी महाद्वीप में निवेश की थी, जिसमें जिबूती, केन्या, माली, घाना, मोजाम्बिक समेत कई देश हैं। यूगांडा भी इन देशों में से एक है, जिसके बारे में खबरों का बाजार गर्म है कि अगर उसने 20 करोड़ डॉलर का उधार चीन को नहीं चुकाया तो चीन यूगांडा का एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा एंटेबी एयरपोर्ट अपने कब्जे में ले लेगा। लेकिन जैसे ही यह खबर आई, चीन की तरफ से तुरंत इस पर सफाई भी जारी कर दी गई, जिसके तहत वह यूगांडा के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कब्जा नहीं करेगा। 

इस खबर से यूगांडा के स्थानीय लोगों में गजब का रोष देखा जा रहा है लेकिन उन्हें शांत करने के लिए यूगांडा के सरकारी अधिकारियों और राजनीतिज्ञों ने भरोसा दिलाया है कि ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा क्योंकि यूगांडा के पास इतना पैसा है, जिसे वह चीन को चुका सकता है और चीन कभी उनके एयरपोर्ट पर अपना अधिकार नहीं जमा सकता। 

पिछले कुछ वर्षों में यूगांडा की सरकार पूरी तरह चीन के प्रभाव में आ चुकी है। यूगांडा पर जो विदेशी कर्ज है, उसका 20 फीसदी चीन का है। यह 20 प्रतिशत कर्ज 1.6 अरब अमरीकी डॉलर का बनता है। चीन की कई कंपनियों ने यूगांडा के आधारभूत ढांचे में धन निवेश किया है। अमरीका, यूरोपीय संघ के देशों और पश्चिमी देशों ने यूगांडा को चेताया है कि उसके ऊपर चीन का कर्ज बढ़ता जा रहा है, जो उसके स्वाभिमान और स्वतंत्रता के लिए खतरनाक हो सकता है। इन देशों ने यूगांडा को बताया है कि चीन यहां पर राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे टर्मिनल और हवाई अड्डों पर अपना कब्जा जमा सकता है। इसके अलावा चीन यूगांडा के प्राकृतिक संसाधनों और खनिजों के उत्खनन पर भी अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर सकता है।

लेकिन यूगांडा को इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा है कि चीन उसके किसी भी संस्थान पर अपना कब्जा जमाएगा क्योंकि जब भी कोई चीनी व्यापारी या चीन की किसी निजी कंपनी का बड़ा अधिकारी यूगांडा में निवेश करने पहुंचता है तो उसे यहां की सरकार कमांडो सुरक्षा देती है साथ ही उसके स्वागत-सत्कार में कोई कमी नहीं छोड़ती। इसके साथ यूगांडा चीन से सीखना चाहता है कि राजनीतिक दल और सेना कैसे मिल कर देश चलाते हैं। यूगांडा के लोग चीन से सीख कर वन पार्टी सिस्टम यहां लागू करना चाहते हैं क्योंकि अक्सर चुनावों के दौरान यहां पर बहुत हिंसा होती है। वहीं चीन भी अपनी पार्टी सी.पी.सी. और सेना का मॉडल अफ्रीका में फैलाना चाहता है, जिसके लिए वह जी जान से कोशिश भी कर रहा है। अफ्रीका की महाद्वीप के तीन चौथाई देशों को चीन अपने हथियार बेच चुका है। 

यूगांडा का एंटेबी एयरपोर्ट यहां का इकलौता अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जिसे उन्नत करने के लिए यूगांडा ने वर्ष 2000 के शुरुआती समय में विदेशी निवेश आमंत्रित किए थे क्योंकि तब तक यहां पर उच्चतम स्तर की सुविधाएं मौजूद नहीं थीं और यूगांडा के पास इतना पैसा नहीं था कि वह इसे उन्नत कर सके। यूगांडा की सरकार ने यह भी कहा था कि जो भी निवेशक होगा वह इस हवाई अड्डे से मिलने वाले राजस्व का एक हिस्सा ले सकता है। 

तब चीन ने एंटेबी एयरपोर्ट में 20 करोड़ अमरीकी डॉलर के निवेश की घोषणा की लेकिन उसके अनुबंध में एक शर्त यह भी है कि अगर यूगांडा चीन को 20 करोड़ डॉलर नहीं चुका पाया तो वह इस एयरपोर्ट का अधिग्रहण कर लेगा। चीन ने एंटेबी एयरपोर्ट में निवेश किया लेकिन एयरपोर्ट से कोई कमाई नहीं हुई और चीन का पैसा एक तरह से बर्बाद हो गया। चीन का अब तक का जो ट्रैक रिकार्ड है उसे देखते हुए आने वाले कुछ महीनों में यह बात तय है कि चीन के हाथों यूगांडा का एंटेबी एयरपोर्ट चला जाएगा क्योंकि चीन की संस्कृति में दान देना और अपना कर्ज माफ करने जैसी कोई प्रथा नहीं है। चीन अपना कर्ज किसी भी तरह से वसूल कर लेता है। वह कभी अपना नुक्सान नहीं होने देता। 

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