अपने भीतर ही सेहत का ‘खजाना’ खोजें

Edited By ,Updated: 21 Jun, 2020 03:00 AM

find the treasure of health within yourself

जब से कोविड-19 महामारी की शुरूआत हुई है, दुनिया भर में अरबों लोगों का जीवन सामान्य नहीं रहा। लम्बे समय तक लॉकडाऊन ने राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था को बाधित किया है और अभूतपूर्व तरीके से लोगों के सामान्य जीवन को प्रभावित...

जब से कोविड-19 महामारी की शुरूआत हुई है, दुनिया भर में अरबों लोगों का जीवन सामान्य नहीं रहा। लम्बे समय तक लॉकडाऊन ने राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था को बाधित किया है और अभूतपूर्व तरीके से लोगों के सामान्य जीवन को प्रभावित किया है। 

अनिश्चितताओं और चिंताओं के ऐसे समय में, मन की शांति और शारीरिक फिटनैस दोनों को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। योग का प्राचीन भारतीय अनुशासन, जिसने हाल के दशकों में विश्व स्तर पर व्यापक लोकप्रियता हासिल की है, एक प्रभावी उपकरण है जो किसी व्यक्ति की शारीरिक भलाई के साथ-साथ मानसिक रूप से भी बेहतर बनाने में मददगार साबित होता है। 21 जून 2020 को दुनिया भर में विभिन्न आयु वर्ग के लाखों लोग अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं।हमें यह देखने की आवश्यकता है कि योग किसी व्यक्ति के समग्र विकास में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 

तनावपूर्ण समय के प्रभाव को कम करने के लिए एक आशाजनक नुस्खा है
योग जिसका अर्थ है जुडऩा या एकजुट होना, मूल रूप से मन और शरीर के एक सामंजस्य मिलन को लाना चाहता है। यह एक विज्ञान है जो संतुलन, शिष्टता, अनुग्रह, समानता, शांति और सद्भाव पर जोर देता है। यह वर्तमान तनावपूर्ण समय के प्रभाव को कम करने के लिए एक आशाजनक नुस्खा है। 

भारत के प्रस्ताव को 175 देशों ने समर्थन दिया और संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसम्बर 2014 को एक प्रस्ताव में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। यह स्वीकार करते हुए कि योग स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। इस संकल्प ने व्यक्तियों और आबादी के महत्व और स्वस्थ जीवनशैली व अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले पैटर्न का अनुसरण करने का उल्लेख किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) योग का उल्लेख करता है कि स्वास्थ्य में सुधार के लिए योग का अर्थ है शारीरिक गतिविधि में वैश्विक कार्य योजना अपनाना। 2018 से लेकर 2030 तक लोगों को एक स्वस्थ विश्व के लिए क्रियाशील बनाना है। 

योग उच्च स्तर के तनाव के लिए एक प्रभावी मारक हो सकता है। महामारी ने हमारे जीवन में इसे प्रेरित किया है। यह भौतिक कल्याण का एक विज्ञान है जिसके तहत घर पर अभ्यास किया जा सकता है जोकि अत्यधिक लाभकारी साबित हो सकता है। यह हमारी अशांत भावनाओं पर एक निश्चित शांत प्रभाव भी हो सकता है। यह जीवन के लिए एक दृष्टिकोण भी है जो संतुलन का जश्र मनाता है। भगवान कृष्ण ने भगवद्गीता में अर्जुन को बताया है कि, ‘‘योग संतुलन है।’’ संयुक्त राष्ट्र ने योग के लाभों को लचीलेपन और फिटनैस में वृद्धि, ध्यान और विश्राम के संदर्भ में पहचाना। संयुक्त राष्ट्र ने तय किया कि 2020 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय ‘‘घर पर योग तथा परिवार संग योग ‘‘होना चाहिए।’’ 

योग और ध्यान तनाव कम करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं
योग वास्तव में अलगाव और अनिश्चितता से निपटने का एक सार्थक और प्रभावी तरीका है। एक परिवार में सभी सदस्य जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं इसके असंख्य लाभों को देखते हुए योग कर सकते हैं। कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने स्वास्थ्य पर योग के लाभकारी प्रभावों के बारे में उल्लेख किया है। हृदय रोगों से लेकर पीठ दर्द तक, नियमित रूप से योग आसनों को करने से उन्हें नियंत्रित करने के लिए दिखाया गया है।

कोविड-19 महामारी के दौरान योग शरीर की प्रतिरक्षा में सुधार करने के लिए सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। खासकर अस्थमा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह वाले कमजोर लोगों के लिए। योग अवसाद, चिंता और तनाव जैसी समस्याओं से प्रभावी ढंग से निपटने में भी मदद कर सकता है, जो आधुनिक जीवनशैली के कारण सभी व्यापक हो गए हैं। योग से अपने भीतर ही सेहत का खजाना खोजा जा सकता है। जब भी मैं नौजवानों की आधुनिक जीवनशैली के कारण उन्हें दबाव और तनाव का सामना करने में असमर्थ होने के समाचार पढ़ता हूं तो मुझे गहरी चिंता होती है। इस तरह की सभी मौतें पूरी तरह से परिहार्य हैं। योग और ध्यान तनाव कम करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। 

कोविड महामारी के दौरान शैक्षणिक संस्थान ऑनलाइन शिक्षा की कक्षाएं आयोजित कर रहे हैं। मेरी उनसे भी सलाह है कि वह योग को ऐसी ऑनलाइन क्लासों में शामिल करें। वास्तव में ‘यूनिसेफ किड पावर’ ने बच्चों के लिए 13 योग आसनों को सूचीबद्ध किया है। कोविड-19 के संकट के चलते हम सबको स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त उपाय करने होंगे। हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के स्तर को बढ़ाना होगा। योग एक साधारण मगर एक सशक्त तंत्र है। हमें अपने खान-पान में जड़ी-बूटियों तथा मसालों को शामिल करना होगा। हल्दी, दालचीनी, अदरक, लहसुन तथा काली मिर्च को अपने खाने में शामिल करना होगा। ये सब मसाले रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।-वैंकेया नायडू(माननीय उप राष्ट्रपति)

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