खाद्य सुरक्षा और किसान कल्याण- मोदी की गारंटी

Edited By ,Updated: 24 Feb, 2024 05:17 AM

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ऐसे समय में जब युद्ध, मौसम और अस्थिरता के चलते पैदा हुई बाजार की नाजुक स्थिति की वजह से वैश्विक खाद्य आपूर्ति दबाव में है, उपभोक्ताओं और किसानों के हितों की दृष्टि से भारत में स्थितियां अपेक्षाकृत बेहतर हैं।

ऐसे समय में जब युद्ध, मौसम और अस्थिरता के चलते पैदा हुई बाजार की नाजुक स्थिति की वजह से वैश्विक खाद्य आपूर्ति दबाव में है, उपभोक्ताओं और किसानों के हितों की दृष्टि से भारत में स्थितियां अपेक्षाकृत बेहतर हैं। गुरुवार को, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य 8 प्रतिशत बढ़ा दिया है। गन्ना किसानों को पहले से ही विश्व में गन्ने का सबसे अधिक मूल्य मिल रहा है, जबकि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि भारतीय उपभोक्ताओं को विश्व में सबसे सस्ती चीनी उपलब्ध हो। 

इस प्रकार की पहलों की एक शृंखला है, जो किसान कल्याण को उपभोक्ता हितों के साथ जोड़ती है। इस महीने की शुरूआत में, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक नागरिक को पौष्टिक भोजन उपलब्ध  कराने के अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए, 29 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से ‘भारत राइस’ का  शुभांरभ करके एक बार फिर देश के नागरिकों को किफायती दरों पर खाद्यान्नों की आपूर्ति सुनिश्चित की है। इसके लिए हम कड़ी मेहनत करने वाले हमारे किसानों को धन्यवाद देते हैं, जो अधिकांश कृषि वस्तुओं का पर्याप्त उत्पादन करके देश को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पी.एम.जी.के.ए.वाई.) के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा बाकी आबादी के लिए भी खाद्य उत्पादों की बहुत ही उचित कीमत तय की गई है। 

भारत राइस, आटा, दाल-मोदी सरकार ने आवश्यक खाद्य वस्तुओं के मूल्यों में असाधारण वृद्धि से निपटने के लिए हमेशा तेजी से काम किया है। पिछले वर्ष, सरकार ने 60 रुपए प्रति किलोग्राम की अत्यधिक सबसिडी दर पर ‘भारत दाल’ और 27.50 रुपए प्रति किलोग्राम की कम कीमत पर ‘भारत आटा’ लांच किया था। इसी प्रकार केंद्रीय एजैंसियां सस्ता प्याज बेचती हैं। इन्होंने उस समय भी टमाटर की आपूर्ति की, जब इसकी कीमतें आसमान छू रही थीं, केंद्र सरकार ने कीमतों में इस अंतर का भारी बोझ उठाया। ‘भारत’ खाद्य पदार्थों की बिक्री तेजी से बढ़ी है और ये पदार्थ 18,000 से अधिक दुकानों पर उपलब्ध हैं। 

इससे पहले कभी भी केंद्र सरकार ने खुदरा बाजार में खाद्यान्न या दालें नहीं बेचीं। इनके मूल्यों  पर नियंत्रण के लिए प्रधानमंत्री मोदी हमेशा निर्णायक कदम उठाते रहे हैं। पिछले वर्ष, जैसे ही बेमौसम की बारिश ने टमाटरों की आपूर्ति में बाधा डाली तो सरकार तुरंत हरकत में आई जिससे टमाटर की कीमतों में वृद्धि पर रोक लगी। प्रधानमंत्री मोदी ने यह  सुनिश्चित किया है कि अच्छी गुणवत्ता वाली दाल, चावल और आटे की आपूर्ति किफायती दरों पर की जाए। ये उपाय समाज के हर वर्ग की मदद के लिए बिना किसी भेदभाव के लागू किए गए हैं। इस सरकार की एक अन्य अभूतपूर्व कार्रवाई त्वरित बाजार उपायों के लिए कृषि-बागवानी वस्तुओं का बफर स्टॉक बनाने के लिए एक समॢपत मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाया गया। सरकार ने 27,489 करोड़ रुपए की संचयी बजटीय सहायता से प्रमुख दालों और प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी ऐतिहासिक पहल की है। 

रोजाना 22 आवश्यक खाद्य वस्तुओं के खुदरा और थोक मूल्यों पर नजर रखी जा रही है। 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 550 मूल्य-निगरानी केंद्रों से प्राप्त इनपुट के साथ, मूल्योंं रुझानों का विश्लेषण किया जाता है ताकि मूल्यों को कम करने के लिए बफर से स्टॉक जारी करने और जमाखोरी को रोकने के लिए स्टॉक सीमा लगाने के बारे में उचित निर्णय लिया जा सके। सस्ती चीनी, खुशहाल किसान- नए गन्ना-पेराई सीजन की शुरूआत के बाद चीनी के एक्स-मिल मूल्यों में 3.5 से 4 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों की आमदनी अच्छी हो और उन्हें समय पर भुगतान हो। 

सम्मिश्रण कार्यक्रम ने उद्योग की व्यवहार्यता को बढ़ावा दिया है जिससे मिल मालिकों को 2022-23 में लगभग 99.5 प्रतिशत गन्ना बकाया राशि का भुगतान करने में मदद मिली है। यह अब तक का सबसे कम लंबित बकाया है, जो किसान कल्याण पर पी.एम. मोदी के फोकस को दर्शाता है। सरकार ने पर्याप्त घरेलू आपूर्ति और कम कीमतें सुनिश्चित करने के लिए गेहूं, चावल और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि किसानों को लाभकारी मूल्य मिलें। 

सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए खुली बाजार बिक्री योजना के तहत चावल और गेहूं की बिक्री बढ़ाई है। ‘भारत राइस’ लांच किए जाने के बाद किए गए अन्य उपायों की शृंखला के अनुकरण से चावल की कीमतों को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में मुफ्त खाद्यान्न- मुफ्त खाद्यान्न योजना ने देश के लोगों की वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली विनाशकारी महामारी का सामना करने  में मदद की थी। महामारी का समय बीत गया है, लेकिन प्रधानमंत्री के दयालु नेतृत्व के परिणामस्वरूप उदार कल्याण योजना जारी है। यह सरकार आवश्यक खाद्य वस्तुओं के बाजार में नैतिकता और अनुशासन सुनिश्चित करती है।-पीयूष गोयल(केंद्रीय मंत्री)

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