2000 रुपए के नोटों से चमकने लगे सोने के बिस्कुट-छड़ें

Edited By Updated: 25 May, 2023 06:23 AM

gold biscuits sticks started shining with 2000 rupee notes

2,000 रुपए के नोट चलन से बाहर होते ही दिल्ली में 24 कैरेट सोने के बिस्कुट-छड़ों का भाव पहली बार 72,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पार हो गया। सोने की यह बढ़त बेशक पूर्णता देशी है और बेशक 2,000 रुपए के नोटों को सोने में तबदील करने की आपाधापी का नतीजा है।...

2,000 रुपए के नोट चलन से बाहर होते ही दिल्ली में 24 कैरेट सोने के बिस्कुट-छड़ों का भाव पहली बार 72,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पार हो गया। सोने की यह बढ़त बेशक पूर्णता देशी है और बेशक 2,000 रुपए के नोटों को सोने में तबदील करने की आपाधापी का नतीजा है। साधारण शब्दों में इसे सोने की ब्लैक समझ सकते हैं। 24 कैरेट सोने का भाव करीब 61,000 प्रति 10 ग्राम ही बैठता है। 

जानना दिलचस्प है कि सोने के जेवरों की तरह सोने की छड़ों, बिस्कुटों और सिक्कों की अपनी एक अलग दुनिया है। ज्वैलर इन्हीं छड़ों, बिस्कुटों और सिक्कों को गलाकर गहने बनाते हैं। छड़ों, बिस्कुटों और सिक्कों को 40 विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। सोने के बिस्कुट और छड़ें औद्योगिक जरूरतों, पूंजी निवेश के साधनों और बदलते फैशन को मद्देनजर रखकर बनाई जाती हैं। 

छड़ें और बिस्कुट मुख्यत: दो विधियों में बनते हैं- ढलाई और टकसाली सिक्का विधि से। इनकी शुद्धता 24 कैरेट होती है और यह 1000 भाग शुद्धता वाला सोना माना जाता है। अलग-अलग देशों में भिन्न-भिन्न वजन इकाइयों में बनते हैं। मसलन ग्राम, औंस, तोला, टेल, बाहत और चीह। आसानी के लिए ग्रामों में इनका परिवर्तन किया जाता है। औंस में 31.1035 ग्राम, 10 तोला में 116.638 ग्राम, 5 टेल में 187.145 ग्राम, 10 बाहत में 150.244 ग्राम और 5 चीह में 18.150 ग्राम होता है। 

आमतौर पर दुनिया की सबसे बड़ी और भारी सोने की एक छड़ का वजन साढ़े 12 किलोग्राम है। ऐसी छड़ों की न्यूनतम शुद्धता 99.5 प्रतिशत होती है। तमाम देशों के सैंट्रल बैंक इन्हीं वजनी छड़ों में अपना स्वर्ण भंडार रखते हैं। वैसे एक किलोग्राम वजन की सोने की छड़ सबसे ज्यादा प्रचलित ‘कास्ट बार’ है। इसकी शुद्धता 99.99 प्रतिशत होती है। सबसे हल्का 10 ग्राम का बिस्कुट ब्राजील की ‘डीगस’ नामक कंपनी बनाती है। इसी प्रकार आधा औंस का बिस्कुट ऑस्ट्रिया की पर्थ मिंट में ढलता है। हालांकि सोने के भाव 7वें आसमान पर पहुंचने के चलते अब महज 1 ग्राम के प्योर सोने के सिक्के भी बनते-मिलते हैं। 

ग्रामों के तहत 14 विभिन्न वजनों में 500 ग्राम से 0.3 ग्राम तक बिस्कुट बनते हैं। उधर औंस के अंतर्गत 20 औंस से लेकर 1/10 औंस की कुल 8 वजन इकाइयों में बिस्कुट बनाए जाते हैं। कनाडा की जानसन मारही सबसे भारी 500 ग्राम और 20 औंस के बिस्कुट बनाती है। सबसे हल्के 0.3 ग्राम वजन के बिस्कुटों का निर्माण जापान की तानाका कंपनी करती है। भारत में बीते कई दशकों से ग्राम पद्धति लागू है, फिर भी सालों-साल सोने के बिस्कुटों में तोला ही प्रचलित रहा। दस तोले का मतलब 116.64 ग्राम होता था, जिसके सोने की शुद्धता 99.9 प्रतिशत थी। भारत में आजकल 500 रुपए के नोटों से खरीदने पर एक बिस्कुट की कीमत करीब 7 लाख रुपए है। 

दिल्ली, नोएडा, मुम्बई, हैदराबाद और कोलकाता के बिक्री केंद्रों से 5, 10, 50, 100 और 1000 ग्राम के 999 शुद्ध सोने के सिक्के और छड़ें बेची जा रही हैं। हालांकि भारत में 1960 से 1990 के 3 दशकों तक लागू रहा गोल्ड कंट्रोल एक्ट बीते 3 दशकों से पूरी तरह हट चुका है, तब से सोने के बिस्कुट, छड़ें और सिक्के खरीद, रख और बेच सकते हैं। तभी से भारत सरकार का उपक्रम एम.एम.टी.सी. भी सोने के बिस्कुट बना और बेच रहा है।-अमिताभ 
 

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