Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Dec, 2025 03:32 PM

Why stock market is down today भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार, 8 दिसंबर को जोरदार बिकवाली देखने को मिली। सेंसेक्स ट्रेडिंग के दौरान 800 अंकों से ज्यादा लुढ़क गया, जबकि निफ्टी करीब 270 अंकों की गिरावट के साथ 25,900 के नीचे फिसल गया। विदेशी निवेशकों...
बिजनेस डेस्कः Why stock market is down today भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार, 8 दिसंबर को जोरदार बिकवाली देखने को मिली। सेंसेक्स ट्रेडिंग के दौरान 800 अंकों से ज्यादा लुढ़क गया, जबकि निफ्टी करीब 270 अंकों की गिरावट के साथ 25,900 के नीचे फिसल गया। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, मिडकैप–स्मॉलकैप में भारी प्रॉफिट बुकिंग और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले सतर्क माहौल ने मार्केट पर दबाव बढ़ाया।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 609.68 अंक गिरकर 85,102.69 पर था, जबकि निफ्टी 225.90 अंक टूटकर 25,960.55 पर बंद हुआ। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 2% तक टूट गए, जिससे broader मार्केट में भारी गिरावट आई। निफ्टी पर इंडिगो, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और इटरनल 7% तक लुढ़के और टॉप लूजर्स में रहे।
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शेयर बाजार में आज की गिरावट के 5 बड़े कारण........
1. US फेड मीटिंग से पहले सतर्कता
निवेशक 9 दिसंबर से शुरू होने वाली फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक से पहले सतर्क नजर आए। HDFC सिक्योरिटीज के देवर्ष वकिल के अनुसार, निवेशक महंगाई के ताज़ा आंकड़ों और साल अंत पोर्टफोलियो बदलाव से पहले पोजिशन कम कर रहे हैं। इस हफ्ते ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा और स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक की भी बैठकें हैं लेकिन नीति बदलाव की संभावना सिर्फ फेड में देखी जा रही है।

2. स्मॉलकैप–मिडकैप में भारी मुनाफावसूली
स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में जोरदार गिरावट दर्ज हुई। निफ्टी स्मॉलकैप100 2% से ज्यादा टूटा, निफ्टी मिडकैप100 लगभग 2% गिरा। स्मॉलकैप इंडेक्स लगातार 5वें दिन लाल निशान में, 5 दिन में 4% से ज्यादा की गिरावट आई।
3. FII की लगातार बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशक सातवें दिन भी बिकवाली करते रहे। शुक्रवार को FII ने 438.90 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। दिसंबर में अब तक 10,403 करोड़ रुपए की बिकवाली रही। इससे मार्केट सेंटीमेंट और कमजोर हुआ है।
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4. भारतीय रुपए में कमजोरी
रुपया डॉलर के मुकाबले 16 पैसे गिरकर ₹90.11 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। इसकी वजह तेल की बढ़ती कीमतें और विदेशी फंड की लगातार निकासी को माना जा रहा है। फॉरेक्स डीलर्स के मुताबिक, रुपया शुरू में 90.07 पर खुला था लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, कॉरपोरेट और इम्पोर्टर्स की डॉलर डिमांड और FII की बिकवाली के चलते इस पर दबाव बढ़ गया।

5. क्रूड ऑयल में उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.13% बढ़कर $63.83 प्रति बैरल हो गया। भारत के लिए तेल की कीमतें बढ़ना हमेशा चिंता का विषय होता है क्योंकि इंपोर्ट बिल बढ़ता है, महंगाई का जोखिम बढ़ता है और यह दोनों ही कारण शेयर बाजार पर दबाव डालते हैं।