ऑनलाइन मनोरंजन प्लेटफार्मों पर सरकार ने उठाई उंगली

Edited By ,Updated: 24 Mar, 2023 06:17 AM

government raised finger on online entertainment platforms

रविवार को केंद्र ने नैटफ्लिक्स, डिज्नी-हॉटस्टार, एमेजॉन प्राइम और अन्य ऑनलाइन मनोरंजन प्लेटफार्मों पर उंगली उठाई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘इन प्लेटफार्मों को क्रिएटिविटी की आजादी दी गई थी, अश्लीलता की नहीं और जब कोई...

रविवार को केंद्र ने नैटफ्लिक्स, डिज्नी-हॉटस्टार, एमेजॉन प्राइम और अन्य ऑनलाइन मनोरंजन प्लेटफार्मों पर उंगली उठाई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘इन प्लेटफार्मों को क्रिएटिविटी की आजादी दी गई थी, अश्लीलता की नहीं और जब कोई एक हद पार कर जाए तो क्रिएटिविटी के नाम पर गाली या बदतमीजी बिल्कुल भी स्वीकार नहीं की जा सकती।’’

उन्होंने कहा कि निंदा के यह शब्द उपयोगकत्र्ता की शिकायतों में वृद्धि के कारण पैदा हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आवश्यक हो तो सामग्री दिशा-निर्देशों को तद्नुसार बदलना पड़ सकता है। उनका संदर्भ 2021 में लाए गए नियमों के तहत एक आचार संहिता की ओर था जिसके तहत एक ऐसा ढांचा जिसमें शिकायतों के निवारण के लिए त्रिस्तरीय प्रणाली शामिल थी। बहुत से लोग ऐसा करने के शीर्ष पर पहुंच गए थे जिससे मंत्रालय को इस  बात पर गंभीरता से विचार करना पड़ा कि दर्शकों को क्या दिखाया जा रहा है। 

एक निर्वाचित सरकार के लिए यह कहना असामान्य नहीं है कि उसे ऐसे बाजार में अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जो पसंद से कम नहीं और खासकर तब जब यह बातें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ जाती हों। यह एक ऐसा अधिकार है जो लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। सबसे पहले अमान्य प्रतिनिधित्व की समस्या है। जैसा कि लोगों की शालीनता की धारणा अलग-अलग होती है। आपत्ति हमेशा किसी के द्वारा किसी भी चीज पर उठाई जा सकती है लेकिन इन्हें वीटो बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। रविवार एक रेलवे प्लेटफार्म स्क्रीन पर एक वीडियो क्लिप देखा गया जोकि पोर्न जैसा था। 

देखने वाले की नजर में अभद्रता होती है। यदि हम एक राष्ट्रीय सहमति को फिल्टर के रूप में कार्य करने देते हैं तो बहुत कम पास होने की संभावना होती है। न तो हर शिकायत एक प्रतिक्रिया के लायक है और न ही अपने आप में पकड़ में होती है। 
एक मंच के ग्राहकों को इसके उपयोग की शर्तों से सहमत होना चाहिए। यदि उन्हें क्रूर भाषा, सैक्स इत्यादि की फिल्में या धारावाहिक प्रदर्शित किए जाते हैं तो वे इन्हें बंद कर सकते हैं। वे इस सौदे को छोडऩे के लिए स्वतंत्र हैं। 

वयस्कों के लिए लक्षित सामग्री बच्चों तक नहीं पहुंचनी चाहिए। यहां पर सुधार करने की जरूरत है। लोगों को वैब पर ये चीजें कहीं और भी मिल सकती हैं जो वह चाहते हैं जिसमें वास्तविक अश्लीलता शामिल है। नई दिल्ली को सहज होना चाहिए और देश की दाई की तरह काम करना बंद कर देना चाहिए।     
 

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