ऐतिहासिक जीएसटी सुधार : हर वर्ग के सपनों को नई उड़ान

Edited By Updated: 21 Sep, 2025 11:15 PM

historic gst reform giving new wings to the dreams of every class

जब जनता किसी सरकार को लगातार तीसरी बार शासन चलाने के लिए बहुमत दे, तो फिर सरकार की ज़िम्मेदारी और जनता की अपेक्षाएं दोनों बढ़ जाती हैं। 2014 के बाद के भारत का कालखंड गवाह है कि मोदी सरकार ने न केवल जनमत को सर आंखों पर बिठाया बल्कि उनकी उम्मीदों को...

जब जनता किसी सरकार को लगातार तीसरी बार शासन चलाने के लिए बहुमत दे, तो फिर सरकार की ज़िम्मेदारी और जनता की अपेक्षाएं दोनों बढ़ जाती हैं। 2014 के बाद के भारत का कालखंड गवाह है कि मोदी सरकार ने न केवल जनमत को सर आंखों पर बिठाया बल्कि उनकी उम्मीदों को भी परवान चढ़ाया है। इसी कड़ी में ऐतिहासिक जीएसटी सुधारने 140 करोड़ भारतीयों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी, सिवाय मुद्दा विहीन विपक्ष के। वास्तव में इसे सुधार की बजाय जनता को नवरात्र और दिवाली से पहले मिली सौगात कहना ज़्यादा उचित होगा। 

पुरानी चार दरों की जगह अब केवल दो — 5% और 18% — रह गई हैं, जबकि 40% कर सिर्फ़ विला सिताया अपवित्र वस्तुओं तक सीमित होगा। यह बताता है कि सरकार का ध्येय अब “आम जन की जेब में बचत”, मांग में बढ़ोतरी और रोज़गार सृजन है। वैसे भी वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शासन को नई परिभाषा दी है, जिसमें नीतियां अब फ़ाइलों में नहीं, लोगों के जीवन में उतरती हैं। 

सबसे बड़ा परिवर्तन स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर लगने वाले प्रीमियम को शून्य करना है। यह सिर्फ़ बचत का मामला नहीं, बल्कि सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास है। सरकार के आकलन के अनुसार नागरिकों की जेब में लगभग ₹2 लाख करोड़ वापस आएगा। यह राशि बचत, निवेश और उपभोग तीनों को नई शक्ति देगी। 

“जय जवान जय किसान”के नारे को बुलंद करने के लिए सरकार ने जवानों और किसानों के सपनों को भी पंख दिए हैं। दो-पहिया और छोटे चार-पहिया वाहनों पर कर 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। यह बदलाव उस युवा को आत्मविश्वास देगा जो पहली बार अपनी सवारी खरीदने का सपना देख रहा है। घटी दरों से मांग बढ़ेगी, उत्पादन तेज़ होगा, रोज़गार के नये अवसर पैदा होंगे और अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी। खेती-किसानी पर भी इन सुधारों का असर गहरा होगा। ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, सिंचाई पंप और अन्य कृषि यंत्रों पर मात्र 5% कर किसानों के बोझ को हल्का करेगा। उर्वरक, सीमेंट और इस्पात पर घटाकर गांवों में गोदाम, शेड और आवासीय ढांचा खड़ा करने में मदद करेगा। 

व्यवसायों, विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए, ये सुधार दोहरा लाभ लेकर आए हैं — लागत में कमी और अनुपालन में सहजता। केवल पंजाब में ही लगभग 14 लाख एमएसएमई को सस्ते कच्चे माल, त्वरित रिफंड और पूर्व-भरे हुए एकपृष्ठीय रिटर्न की सुविधा से राहत मिलेगी। लुधियाना के वस्त्र उद्योग, जालंधर के खेल सामान तथा अमृतसर के हस्त-औज़ार निर्माण जैसे पारंपरिक क्षेत्र अब और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे। इन क्षेत्रों की लागत कम होगी, पूंजी की उपलब्धता बढ़ेगी और समय पर रिफंड मिलने से नकदी प्रवाह बेहतर होगा। इससे न केवल मौजूदा इकाइयां सशक्त होंगी,बल्कि नए उद्यमियों के लिए भी बाज़ार में उतरने का साहस बढ़ेगा। 

पंजाब जैसे औद्योगिक और कृषि प्रधान राज्य में यह सुधार रोजगार सृजन और निवेश आकर्षण का सेतु बनेगा। इन सुधारों की आत्मा यही है कि राजस्व संग्रह से पहले नागरिकों की समृद्धि को महत्व दिया जाए। यह प्रधानमंत्री मोदी के “सबका साथ, सबका विकास”के संकल्प का सजीव उदाहरण है। “मेहनत के खेतों में सपनों की फसल उगे,करों की राहें अब सुखद बने, खुशियां सजे।” 

आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है।जीएसटी सुधार यह सुनिश्चित करेंगे कि इस समावेशी और प्रगतिशील यात्रा में हर नागरिक, उद्योग, किसान और जवान साथ चले। जैसे कहा गया है — “ऊंची लहर में सब नावें ऊपर उठती हैं” — वैसे ही यह सुधार विकास की लहर को समाज के हर कोने तक ले जाने का कार्य करेंगे, जो भारत को “विकसित भारत”के स्वप्न के और निकट ले जाएगा।-जयवीर शेरगिल राष्ट्रीय प्रवक्ता, भारतीय जनता पार्टी एवं अधिवक्ता सुप्रीमकोर्ट

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