भारत में चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश में इमरान

Edited By ,Updated: 13 Apr, 2019 03:52 AM

in an attempt to influence the election process in india imran

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेशी मीडिया को बयान दिया है कि यदि भारत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव जीतती है तो दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने और कश्मीर का मसला हल होने की सम्भावना बढ़ जाएगी। यह बयान जहां रहस्यमयी है, वहीं...

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेशी मीडिया को बयान दिया है कि यदि भारत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चुनाव जीतती है तो दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने और कश्मीर का मसला हल होने की सम्भावना बढ़ जाएगी। यह बयान जहां रहस्यमयी है, वहीं इसके द्वारा दो उद्देश्य साधने की कोशिश की गई है।

पहला, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बड़ी चालाकी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना ‘दोस्त’ बताने की कोशिश की है ताकि भारतीय मतदाताओं में यह संदेश जाए कि पाकिस्तान से कांग्रेस की नहीं बल्कि सत्ताधारी दल की नजदीकी है। इस प्रकार इमरान खान ने भाजपा पर यह जिम्मेदारी डाल दी है कि वह अपने राष्ट्रवाद के नारे को साबित करे। 

दूसरे, उन्होंने विपक्ष के हाथ भाजपा को देश भक्ति के मुद्दे पर घेरने का हथियार दे दिया है जो कांग्रेस व अन्यों पर पाकिस्तान से मिलीभगत का आरोप लगाती रही है। इस बीच विपक्ष ने पी.एम. और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को इमरान हितैषी नेता बताते हुए उन पर आरोप लगाया है कि वे राष्ट्रवाद के मामले में देशवासियों को गुमराह कर रहे हैं। तीसरे, इमरान खान ने मोदी की तुलना स्वयं से करके असमंजस की स्थिति पैदा करने की कोशिश की है जबकि वास्तविकता इसके विपरीत है। प्रधानमंत्री ने अपना प्रचार एयर स्ट्राइक्स और पुलवामा आतंकी हमले पर केन्द्रित रखा है। मोदी ने कांग्रेस पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया है। 

चौथे, पाकिस्तान का कहना है कि यदि मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो कश्मीर समस्या का समाधान होने की काफी सम्भावना है क्योंकि वह मानता है कि कांग्रेस ऐसा साहसी कदम उठाने से गुरेज करेगी। हालांकि वास्तविकता इसके विपरीत है क्योंकि पाकिस्तान कभी भी कश्मीर मसले के समाधान में रुचि नहीं लेगा। 

पांचवां, इमरान खान ने भारत में भाजपा के शासन में मुसलमानों की खराब स्थिति का विवरण दिया है जो अप्रत्यक्ष तौर पर मोदी और उनकी सरकार की आलोचना है। ऐसा करके मुसलमानों को एन.डी.ए. के खिलाफ वोट के लिए उकसाने की भी कोशिश की है। छठे, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देने की कोशिश की है कि पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत शुरू करना चाहता है। हालांकि पाकिस्तान ने अतीत में हमेशा भारत के बातचीत शुरू करने के प्रयासों को नाकाम करने की कोशिश की है क्योंकि वह आतंकवादियों का समर्थन करता है।-के.एस. तोमर
 

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