कचरा मुक्त भारत के लिए जनांदोलन

Edited By Updated: 01 Oct, 2023 04:22 AM

people s movement for garbage free india

भारत विविध सभ्यताओं का देश है। संस्कृति, परंपरा, धर्म और भाषा में विविधता के बावजूद विषम परिस्थितियों में भी एकजुट रहना ही हमारी पहचान है

भारत विविध सभ्यताओं का देश है। संस्कृति, परंपरा, धर्म और भाषा में विविधता के बावजूद विषम परिस्थितियों में भी एकजुट रहना ही हमारी पहचान है। एकता और जन-भागीदारी की यह ताकत आज हमारे देश के विकास को गति दे रही है। सामूहिक इच्छाशक्ति से किसी क्षेत्र में किस तरह बदलाव लाया जा सकता है, हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किया गया विश्व का सबसे बड़ा व्यवहार परिवर्तन अभियान स्वच्छ भारत अभियान (क्लीन इंडिया कैंपेन) इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। 

भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लक्ष्य को पाने और स्थायी व सतत विकास को गति देने के लिए स्वच्छ भारत मिशन (SBM-G) एक जनांदोलन बनकर उभरा है। यह अभियान स्वच्छता के लिए मात्र तात्कालिक  उपायों को अपनाने  तक ही सीमित नहीं है वरन यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान तलाशते हुए देश के सामने दीर्घकालीन दृष्टिकोण की नींव रखता है। यह सकारात्मक परिणाम सरकार के सभी संबंधित विभागों के उचित समन्वय और संयुक्त प्रयासों से संभव हो पाया है। हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणा के अकूत स्रोत प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच को प्रदर्शित करने वाले इस अभियान के उद्देश्यों को गति देने और उसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए हमारी पूरी टीम नियमित तौर पर राज्यों, जिलों और गांवों को सम्बल प्रदान करने के लिए आवश्यक  विभागीय यात्राएं कर रही है। उच्च स्तरीय समीक्षाओं के माध्यम से इस मिशन को सफल बनाने की दिशा में हम निरंतर प्रयासरत हैं। 

स्वच्छ भारत मिशन जैसी शानदार पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्वच्छता ही सेवा (SHS) अभियान है। यह मिशन के प्रति जन-भागीदारी को सुनिश्चित करने के साथ इसे जनांदोलन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हम सभी विगत वर्षों में स्वच्छता ही सेवा अभियान की सफलता और उसके परिणाम देख चुके हैं। SHS–2022 के दौरान लगभग 10 करोड़ लोगों ने श्रमदान की विभिन्न गतिविधियों में स्वेच्छा से भाग लिया। इस बार उत्साहवर्धक  बात यह है कि इस वर्ष पखवाड़ा में अभी तक करीब 9 करोड़ लोगों ने श्रमदान कार्यक्रमों में भागीदारी दिखाई है। स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत इस वर्ष महज 12 दिनों में ही 20 करोड़ से अधिक लोगों ने श्रमदान की विभिन्न गतिविधियों में अपनी सकारात्मक भागीदारी सुनिश्चित की है, अर्थात औसतन प्रतिदिन करीब 1.67 करोड़ लोग इस अभियान का अंग बने हैं। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इस विशाल जन-भागीदारी के कारण ही हमने इस वर्ष एक उल्लेखनीय रिकॉर्ड बनाया। लोगों के संकल्प का सुफल है कि ODF Plus गांवों की संख्या में बड़ी बढ़ौतरी हुई है। देश में अब ऐसे ODF Plus गांवों की संख्या 7 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत हो गई है। 

स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरूआत इस वर्ष मेरे साथ मंत्रिमंडल में मेरे अनुभवी सहयोगियों केंद्रीय पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री आदरणीय श्री गिरिराज सिंह और केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री आदरणीय हरदीप सिंह पुरी ने की। माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर इस वर्ष 15 सितंबर से एक अक्तूबर के बीच इस अभियान को चलाया जा रहा है। इसका समापन एक अक्तूबर को सुबह 10 बजे से 11 बजे तक एक घंटा राष्ट्रव्यापी स्वैच्छिक स्वच्छता श्रमदान के साथ होगा। इस वर्ष यह अभियान स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण और शहरी के संयुक्त तत्वावधान में पेयजल और स्वच्छता विभाग व शहरी और आवास मामलों का मंत्रालय संयुक्त पहल के रूप में चला रहा है। 

मेरी स्पष्ट मान्यता है कि स्वच्छता ही सेवा कोई साधारण अभियान नहीं है। यह देश के सभी नागरिकों से स्वैच्छिक गतिविधियों के माध्यम से श्रमदान करने का आह्वान है। इसका उद्देश्य सांझा जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करना और स्वच्छता को लेकर सामूहिक दायित्व के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है। इस वर्ष यह अभियान ‘कचरा मुक्त भारत’  के संकल्प से जुड़ा है। हमारा उद्देश्य इस बात पर जोर देना है कि स्वच्छता हमारा सामूहिक दायित्व है और यह हम सबके दैनिक जीवन का अहम भाग होना चाहिए। आज जब हम स्वच्छता ही सेवा अभियान की सफलता पर विचार कर रहे हैं, तो हमारे लिए इस असाधारण प्रयास के सभी पहलुओं की गहराई से अध्य्यन करना भी बेहद जरूरी है। 

SHS–2023 सार्वजनिक क्षेत्रों के कायाकल्प के उद्देश्य से गतिविधियों की एक प्रभावशाली शृंखला के रूप में है। इसमें सार्वजनिक स्थानों की सफाई से लेकर स्वच्छता से जुड़े सभी उपकरणों का नवीनीकरण शामिल है। यह अभियान नदी तटों, जल निकायों, पर्यटन स्थलों और ऐतिहासिक स्मारकों की सफाई, प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की हमारी प्रतिबद्धता को भी दिखाता है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपशिष्ट प्रबंधन तंत्र विकसित करने की दिशा में आगे बढऩे के लिहाज से पेयजल और स्वच्छता विभाग व आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के बीच सहयोगात्मक गठबंधन एक बेहतरीन मंच तैयार करता है। मैं देश के सभी नागरिकों से आग्रह और अपील करना चाहता हूं कि हमारे पूज्य राष्ट्रपिता के बताए रास्ते पर चलते हुए हम सभी श्रमदान की भावना को अपनाएं और एक अक्तूबर को स्वच्छता श्रमदान में स्वेच्छा से सक्रिय रूप से जुड़ें, अपने गांवों, कस्बों और शहरों को संपूर्ण स्वच्छ बनाने में श्रमदान करें।-गजेन्द्र सिंह शेखावत(केंद्रीय जल शक्ति मंत्री)

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