गरीब किसान : आखिर क्यों करते हैं ‘आत्महत्या’

Edited By Updated: 26 Mar, 2023 06:10 AM

poor farmers why do they commit  suicide

आज कृषि क्षेत्र की असली चुनौती कृषि पैदावार और बाजार भाव में अनिश्चय की स्थिति और उत्पादों का सही भंडारण व कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए स्थानीय विपणन नैटवर्क का उपलब्ध न होना है। जलवायु परिवर्तन और बढ़ती महंगाई के दौर में किसानों को खेती से...

आज कृषि क्षेत्र की असली चुनौती कृषि पैदावार और बाजार भाव में अनिश्चय की स्थिति और उत्पादों का सही भंडारण व कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए स्थानीय विपणन नैटवर्क का उपलब्ध न होना है। जलवायु परिवर्तन और बढ़ती महंगाई के दौर में किसानों को खेती से पर्याप्त आय न मिल पाने से लोग खेतीबाड़ी से दूर होते जा रहे हैं। 

भारत में सबसे अधिक गांव हैं, गांवों में रहने वाले अधिकतर व्यक्ति किसान हैं जो कृषि का कार्य करते हैं इसलिए भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है। लगभग 70 प्रतिशत भारतीय किसान हैं। यह वही किसान हैं जो खेतों में दिन-रात मेहनत करके मनुष्य जाति के लिए अन्नदाता के रूप में प्रसिद्ध हैं पर आज के किसान की दशा बद से बदतर अर्थात दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। आखिर किसान गरीब क्यों है? किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर क्यों है? ये ऐसे सवाल हैं जिनका दशकों से जवाब ढूंढा जा रहा है। 

बड़ी-बड़ी रिपोर्टें आ चुकी हैं। इनमें से कई लागू भी हुईं, तो कई दबा दी गईं लेकिन दु:ख की बात यह है कि किसानों की दशा सुधारने के लिए जो उपाय किए गए उनका अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। देश में किसानों की संख्या कम, खेत मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिसका कारण हम यह भी कह सकते हैं कि आज का किसान लगातार गरीब होता जा रहा है। पुरानी कहावत है कि भारतीय किसान कर्ज में जन्म लेता है, कर्ज में ही पूरा जीवन रहता है और कर्ज में ही मर जाता है। 

आज का किसान इतना लाचार है कि वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा भी नहीं दिला पा रहा। हालात यहां तक आ गए हैं कि यदि फसल अच्छी न हो तो किसान आत्महत्या कर लेता है तथा यदि फसल अच्छी भी हो जाए तो मंडी में उपज का वह दाम नहीं मिलता जिस दाम की वह अपेक्षा रख कर मेहनत करता है। केवल फसलों का सही प्रकार से मुआवजा न मिलना किसान की आत्महत्या का कारण नहीं है। भू-जल के स्तर में भारी गिरावट भी किसान की बेहाली का सबसे बड़ा कारण मानी जा सकती है। 

मानसून की विफलता, सूखा, कीमतों में वृद्धि, ऋण का अधिक बोझ आदि परिस्थितियां समस्याओं के एक चक्र की शुरूआत करती हैं। बैंकों, महाजनों, बिचौलियों आदि के चक्कर में फंसकर भारत के विभिन्न हिस्सों के किसानों ने आत्महत्या की है। देश में किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं तथा इस कारण लोग खेती छोड़कर अलग-अलग पेशा अपना रहे हैं। हालात इस हद तक बिगड़ चुके हैं कि किसानों को आए दिन आंदोलन करने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। जब रोष-प्रदर्शन करने पर भी कुछ नहीं मिलता तो किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। अभी अभी कुछ दिनों में बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुक्सान हुआ है। 

वहीं पश्चिमी यू.पी. के किसान चिंता में हैं। अभी और बारिश के आसार हैं। गेहूं की फसल गिर गई तो सरसों की फलियां टूट गई हैं। वहीं आलू खेत की खुदाई प्रभावित हुई है। इस तरह बारिश की वजह से हो रहे नुक्सान की भरपाई सरकार कर पाएगी?-पूजा गुप्ता
 

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!