दुर्घटनाएं रोकने के लिए वाहनों की गति सीमा कम करने का पंजाब सरकार का सही फैसला

Edited By ,Updated: 26 Sep, 2019 12:52 AM

punjab govt right decision to reduce speed limit vehicles to prevent accidents

‘स्पीड थ्रिल्स बट किल्स’ यह कहावत वाहन चालकों पर बिल्कुल खरी उतरती है जो तेज रफ्तार से वाहन चलाने के रोमांच में सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। इसी के चलते देशभर में मौतों में लगातार वृद्धि हो रही है जिनका ज्यादातर शिकार पदयात्री और साइकिल...

‘स्पीड थ्रिल्स बट किल्स’ यह कहावत वाहन चालकों पर बिल्कुल खरी उतरती है जो तेज रफ्तार से वाहन चलाने के रोमांच में सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। इसी के चलते देशभर में मौतों में लगातार वृद्धि हो रही है जिनका ज्यादातर शिकार पदयात्री और साइकिल सवार होते हैं। 

इसी संदर्भ में ‘रिपोर्ट ऑन पंजाब रोड एक्सीडैंट्स एंड ट्रैफिक-2018’ में बताया गया है कि उस वर्ष तक राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की वार्षिक दर 12.1 प्रतिशत थी जो केंद्र सरकार के फैसले अनुसार पंजाब सरकार द्वारा 2018 में वाहनों की गति सीमा बढ़ाने से 2019 में बढ़ कर 18.3 प्रतिशत हो गई। गत वर्ष जुलाई में जारी एक अधिसूचना के अनुसार पंजाब के शहरों में बड़े वाहनों के लिए गति सीमा बढ़ा कर 50 से 70 कि.मी. प्रति घंटा व राजमार्गों पर 80 से बढ़ाकर 100-120 कि.मी. तथा दोपहिया वाहनों के लिए 60 कि.मी. प्रति घंटा कर दी गई थी। 

इससे उसी अनुपात में सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ गईं क्योंकि अधिक गति केकारण ड्राइवर के लिए वाहन संभालना कठिन हो जाता है जिसका परिणाम दुर्घटना के रूप में निकलता है। अब पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के फैसले को पलटते हुए शहरों में और शहरों के बीच से गुजरते और साथ लगते राजमार्गों पर वाहनों के लिए गति सीमा फिर से 50 कि.मी. प्रति घंटा कर दी है जबकि भीड़-भाड़ वाले स्थानों अस्पताल, स्कूल, बाजारों आदि में यह सीमा 30 कि.मी. प्रति घंटा से अधिक नहीं होगी। तेज रफ्तार के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के चलते मौतों को रोकने की दिशा में यह निर्णय उपयोगी सिद्ध हो सकता है बशर्ते ट्रैफिक पुलिस इसे कठोरतापूर्वक लागू करे।—विजय कुमार 

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