Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Mar, 2018 03:20 AM
24 मार्च, 2018 को पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने विधानसभा में पंजाब का बजट पेश किया। पंजाब इस समय गंभीर आर्थिक विषमता का शिकार है, राज्य पर कर्ज और सबसिडी का बोझ बढ़ता जा रहा है। पंजाब पर इस समय 1,95,975 करोड़ रुपए का कर्ज है, जोकि इस...
24 मार्च, 2018 को पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने विधानसभा में पंजाब का बजट पेश किया। पंजाब इस समय गंभीर आर्थिक विषमता का शिकार है, राज्य पर कर्ज और सबसिडी का बोझ बढ़ता जा रहा है। पंजाब पर इस समय 1,95,975 करोड़ रुपए का कर्ज है, जोकि इस साल के अंत तक 2,11,523 हो जाएगा। वर्ष 2017-18 में पंजाब का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 4.33 लाख करोड़ था, जोकि बढ़कर 4.77 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह एक बेहतर अार्थिक सिग्नल है। इस बार का कुल बजट 1,29,698 करोड़ रुपए का है। पिछला बजट 1,18,237 करोड़ का था।
पंजाब आज भी कृषि पर आश्रित राज्य है। 2.5 एकड़ तक की जमीन वाले छोटे किसानों के लिए 2 लाख रुपए तक की कर्ज माफी की घोषणा की गई। इसके लिए 4250 करोड़ रुपए का आबंटन किया गया है। इसके लिए 9,500 करोड़ रुपए रखे जाने की उम्मीद थी, इस बजट में किसानों की कर्ज माफी के लिए 4250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। पर्यावरण को नुक्सान पहुंचा रही पराली की समस्या से निपटने के लिए बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में इस बजट में कुछ खास नजर आ रहा है।
चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय को दी जाने वाली ग्रांट बढ़ाकर 42.62 करोड़ कर दी गई है। पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला को 50 करोड़ रुपए वन टाइम ग्रांट देने की घोषणा की गई। पटियाला में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के लिए 10 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। पंजाब सरकार स्कूलों में छठी से 12वीं क्लास तक की छात्राओं को फ्री सैनेटरी नैपकिन देगी। इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया। पहली से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकें देने के लिए 49 करोड़ का प्रावधान किया गया। अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति के लिए 1235 करोड़ रुपए दिए गए। शैक्षिक, तकनीकी एवं व्यावसायिक संस्थानों में पिछड़ी श्रेणी के विद्यार्थियों का कोटा 5 से बढ़ाकर 10 किया गया। उच्च शिक्षा के विकास के लिए 120 करोड़ रुपए दिए गए। सभी सरकारी कालेजों में नि:शुल्क वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
पंजाब के बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने का नजरिया देने की कोशिश है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 914.57 करोड़ रुपए आबंटित किए हैं। यह रकम पिछले वर्ष के मुकाबले 18 फीसदी अधिक है। अमृतसर में स्टेट कैंसर इंस्टीच्यूट के लिए 39 करोड़ रुपए और फाजिल्का में टर्शियरी कैंसर केयर सैंटर के लिए 45 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। सभी आयकर दाताओं पर प्रति माह 200 रुपए प्रोफैशनल टैक्स लगाने की घोषणा की गई है। इसका तर्क विकास के लिए 150 करोड़ रुपया संग्रहित करना है। इसके साथ ही 1067 करोड़ रुपए सड़कों, पुलों के निर्माण व इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए दिए गए हैं। इस राशि को सरकार को आने वाले समय में और बढ़ाना होगा। उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली देने की घोषणा की गई है। सरकार को राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए कुछ इंडस्ट्रियल हब विकसित करने होंगे। सरहद पार से व्यापारिक आदान-प्रदान के नियमों में सुधार राज्य की अर्थव्यवस्था को नया जीवन दे देगा, यदि इस मसले पर मुख्यमंत्री कोशिश करें।
इस बार का पंजाब बजट कठिन हालातों में नीम सरीखी सबको न खुश न कर पाने वाली दवा है। वित्तीय मुश्किलों को दूर करना हो तो लोक लुभावन घोषणाओं से परहेज करना चाहिए। यदि ऐसी घोषणाओं के अभाव के कारण इस बजट को नम्बर नहीं मिलते हैं तो यह पंजाब बजट 2018 का नकारात्मक पक्ष नहीं है। पंजाब की आॢथक स्थिति तो ‘पल्ले नहीं धेला, कर दी मेला-मेला’ जैसी बनी हुई है। राज्य की आमदनी का बड़ा हिस्सा कर्जे के ऊपर ब्याज की अदायगी में जा रहा है। यह स्थिति कब संतुलित होगी कहा नहीं जा सकता है पर अच्छा वित्तीय प्रबंध आने वाले समय में सुधार लाएगा। हमें पंजाब की अार्थिक स्थिति को लेकर सकारात्मक रहना चाहिए।