गांधी की प्रासंगिकता कम नहीं होगी गाली देने से

Edited By ,Updated: 08 Jan, 2022 06:23 AM

relevance of gandhi will not be reduced by abusing

रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण ने जिस तरह से गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर गोडसे की सराहना की, वह दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, शर्मनाक भी है। हालांकि कालीचरण

रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण ने जिस तरह से गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर गोडसे की सराहना की, वह दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, शर्मनाक भी है। हालांकि कालीचरण गिरफ्तार हो चुका है लेकिन यहां सवाल कालीचरण की गिरफ्तारी का नहीं है। सवाल यह है कि क्या हम कालीचरणों की भीड़ में गांधी से जुड़े सही तथ्य युवाआें तक पहुंचा पा रहे है? यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि इस दौर में गांधी के विचारों का मजाक बनाने वाले नए-नए देशभक्त पैदा हो रहे हैं। 

सवाल यह है कि जिस विचारधारा से कालीचरण जैसे लोग ताल्लुक रखते हैं, उस विचारधारा द्वारा बार-बार गोडसे को देशभक्त साबित करने की कोशिश क्यों की जाती है? इस विचारधारा को गांधी से डर क्यों लगता है? दुखद है कि कालीचरण के बयान का समर्थन करने के लिए सोशल मीडिया पर तथाकथित बुद्धिजीवी भी पैदा हो जाते हंै और गाली गलौच पर उतर आते हैं। यह विचारधारा अपने निहित स्वार्थों के लिए गोडसे का महिमामंडन कर गांधी के बारे में गलत तथ्य पेश करती है। इसका प्रभाव युवा वर्ग पर पड़ता है और वह गांधी को खलनायक मानने लगता है। 

इस विचारधारा द्वारा गांधी के सम्बन्ध में गलत तथ्य पेश किए जाने के कारण ही आज देश में कालीचरण जैसे विचारकों की बाढ़ आ गई है। इस विचारधारा से जुड़े ऐसे अनेक बयान बहादुर हैं जो समय-समय पर गांधी और गोडसे को लेकर एेसे उग्र वक्तव्य देते रहते हैं। इस संबंध में समाज की भूमिका भी संदिग्ध है क्योंकि यह समाज एेसे कुछ बयान बहादुरों को संसद भी पहुंचा देता है। अब हमें ठहरकर यह सोचना होगा कि हम युवाआें के सामने क्या परोस रहे हैं? किसी भी देश के विकास में युवाआें की अहम भूमिका होती है। 

इस समय हमारे देश के युवाआें में एक तरफ युद्धोन्माद पैदा किया जा रहा है तो दूसरी तरफ उग्र वक्तव्यों के माध्यम से युवाआें की मानसिकता को प्रभावित किए जाने की कोशिश भी की जा रही है। जाहिर है एेसे माहौल में युवाआें के उग्र और हिंसक होने की संभावना बढ़ जाती है। इस प्रक्रिया से हमारे ज्यादातर राजनेताआें का काम आसान हो जाता है। महात्मा गांधी ने हिंसा और अहिंसा पर व्यापक चिन्तन किया था। यह विडम्बना ही है कि हमारे देश में युवाआें को गांधी के आदर्शों से जोडऩे की कोई पहल नहीं हुई। इस दौर में अगर हम युवाआें को गांधी से जोडऩे की पहल कर सकें तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। 

यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि हमारे देश के युवाआें में लगातार हिंसा की भावना बढ़ती जा रही है। एेसी परिस्थितियों में आज के युवाआें को गांधी के विचारों की सबसे ज्यादा जरूरत है। युवा वर्ग हमेशा ही गांधी के चिन्तन का केन्द्रबिन्दू रहा। गांधी ताउम्र युवाआें को सकारात्मक और उचित दिशा देने के लिए प्रयासरत रहे। गांधी का कहना था कि ‘बुरे विचार ही हिंसा है। सद्विचार और सहिष्णुता ही अङ्क्षहसा है।’ यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि आज युवा वर्ग गांधी के नाम का इस्तेमाल मजाक के तौर पर कर रहा है। एक अभियान के तहत सोशल मीडिया पर गांधी के संबंध में उल्टी-सीधी बातें उड़ाई जा रही हैं। 

युवाआें के बीच गांधी के संबंध में सही तथ्यों को प्रचारित-प्रसारित करें ताकि इस षड्यंत्र का भंडाफोड़ हो सके। यह दुखद ही है कि हमारे देश का एक वर्ग तथा कुछ राजनेता यह सोचते हैं कि यदि आज का युवा वर्ग गांधी को समझने लगेगा तो उसका विध्वंसकारी गतिविधियों में इस्तेमाल करना कठिन हो जाएगा। 

समाज पर साम्प्रदायिक सोच हावी हो रही है। युवा वर्ग आतंकवादी गतिविधियों की तरफ बढ़ रहा है। विकास की प्रक्रिया में गांवों की आत्मा नष्ट हो रही है। छोटी-छोटी बच्चियों से बलात्कार की घटनाआें में निरन्तर वृद्धि हो रही है। एक तरफ युवा वर्ग में अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है तो दूसरी तरफ किसानों की आत्महत्याएं भी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं। बेरोजगारी की समस्या भी मुंह बाए खड़ी है। क्या एेसी स्थिति में गांधी के अलावा कोई रास्ता नजर आता है? निश्चित रूप से एेसी स्थिति मेें गांधी हमें रास्ता दिखा सकते हैं। दुखद यह है कि इस दौर में ज्यादातर युवा स्वतंत्रता संग्राम वाले गांधी को नहीं जानते हैं। 

हमारे देश में पिछले कुछ समय से नफरत की जो नई राजनीति शुरू हुई है, उसे आज का युवा ही खत्म कर सकता है। अगर हम आज के युवा को गांधी के आदर्शों का सही पाठ पढ़ा पाए तो न केवल राजनीति के एक नए युग का सूत्रपात होगा बल्कि एक साफ-सुथरी राजनीति का माहौल भी तैयार होगा। हम गांधी से असहमत हो सकते हैं लेकिन गाली देने से गांधी की प्रासंगिकता कभी कम नहीं होगी। जरूरत इस बात की है कि कालीचरणों की भीड़ में गांधी से जुड़े सही तथ्य युवाआें तक पहुंचाए जाएं।-रोहित कौशिक
 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!