सर्जिकल स्ट्राइक 2 : पाकिस्तान के पास विकल्पों की कमी

Edited By ,Updated: 27 Feb, 2019 07:34 PM

surgical strike 2 pakistan s lack of options

जैसा कि अंदेशा था, पाकिस्तान ने भारतीय हवाई हमले में किसी भी प्रकार के नुकसान से इनकार किया है। हमारे युद्धक विमानों का सीमा पार करके शत्रु क्षेत्र में 80 किलोमीटर अंदर जा कर बमबारी करके बिना किसी क्षति के वापस लौट आना अपने आप में पाकिस्तानी ...

प्रतिक्रिया : जैसा कि अंदेशा था, पाकिस्तान ने भारतीय हवाई हमले में किसी भी प्रकार के नुकसान से इनकार किया है। हमारे युद्धक विमानों का सीमा पार करके शत्रु क्षेत्र में 80 किलोमीटर अंदर जा कर बमबारी करके बिना किसी क्षति के वापस लौट आना अपने आप में पाकिस्तानी वायुसेना और थलसेना की कुशलता पर बड़ा प्रश्न है। आगामी कुछ दिनों में जैश ए मुहम्मद के प्रशिक्षण शिविर में हताहतों की पुष्टि हो जायेगी। पाकिस्तानी सेना ने 27 फरवरी की सुबह पुंछ और राजौरी इलाके में वायुसीमा का उल्लंघन किया और सतर्क वायुरक्षक दस्तों और सीमा की निगरानी कर रहे युद्धक विमानों के कारण खुले इलाके में बम गिरा कर लौट गए। 

हवाई युद्ध के विषय में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान के एक F16 और एक भारतीय मिग के गिरने की पुष्टि की है। यह भी कहा गया है कि एक भारतीय पायलट लापता है। इसी बीच कश्मीर में शोपियां में जैश ए मुहम्मद के दो आतंकियों को मार गिराया जाना और श्रीनगर में अलगाववादी तत्वों के घरों में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के छापे और मीरवैज़ उमर फारूख को हिरासत में लिया जाना इसी कार्यवाही का हिस्सा हैं। पाकिस्तानी सेना और सरकार के लिए अपनी साख बचाने के लिए विकल्पों का अभाव है और पाकिस्तान की अब तक की प्रतिक्रिया सिर्फ अपने लोगों का विश्वास पाने की कोशिश भर है।

सीमा पर तनाव : सबसे सस्ता विकल्प है कि नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ा दिया जाए और इसके तहत पिछले 36 घंटों में लगभग 50 चौकियों पर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी हुई और मोर्टार से गोले फेंके गए जिसका उपयुक्त और तत्काल उत्तर भारतीय चौकियों ने दिया। आगे आने वाले दिनों में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर यही स्थिति रहेगी। अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भी सेनाओं की तैनाती की जा रही है जो कि सांकेतिक है। नियंत्रण रेखा पर बॉर्डर एक्शन टीम या आईईडी लगाने जैसी घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। दोनों ही ओर सेनाएं सक्रिय हैं और स्थति युद्ध जैसी है पर युद्ध की संभावना नगण्य है।

सूचना युद्ध : पाकिस्तानी सूचना तंत्र इसमें माहिर है और भ्रामक चित्रों और वीडिओ द्वारा हमारी कार्यवाही से सम्बंधित सूचनाओं को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। इस से सचेत रहने की आवश्यकता है। साथ ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके अफवाहें फैला कर समाज में संशय और डर का माहौल उत्पन्न करने की कोशिश लगातार चल रही है। सूचना तंत्र का प्रयोग करके पाकिस्तानी एजेंसियां हमारी सेनाओं की हरकत पर भी नज़र रखे हुए हैं, जिनसे सतर्क रहने की आवश्यकता है। कश्मीर में चल रही कार्यवाही को राजनीतिक और धार्मिक रंग दे कर आम जनता को भड़काने की कोशिश भी सूचना युद्ध का हिस्सा है।

संभावित आतंकी हमला : ये भी पाकिस्तान के पास एक विकल्प है। पर पुलवामा हमले के विरुद्ध हमारे कड़े रवैये को देखते हुए निकट भविष्य में पाकिस्तान ऐसा करने से कतरायेगा। अगले कुछ महीने परीक्षा की घडी हैं और पाकिस्तान के सभी विकल्पों का मुंहतोड़ जवाब देने से ही स्थति में सुधार होगा। इस समय पाकिस्तान इस युद्ध में अलग थलग और अकेला पड़ गया है। चीन की चुप्पी और अमरीकी राष्ट्रपति की आतंकी ढांचे को ध्वस्त करने की सख्त ताकीद पाकिस्तान के लिए अच्छे संकेत नहीं है। 

हवाई हमलों का सांकेतिक जवाब दे कर और प्रेस में युद्ध की स्थिति से दूर रहने की अपनी इच्छा ज़ाहिर करके पाकिस्तान ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। पर भारत के लिए हर दृष्टि से सतर्क रहना ही उचित होगा। विदेश मंत्रालय, सेनाओं और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पाकिस्तान पर लगातार दबाव बनाने से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंक के विरूद्ध इस युद्ध में सफलता मिलेगी। इस समय आवश्यकता है की राजनीतिक और सैन्य इच्छाशक्ति को बनाये रखा जाए।
  —कर्नल अमरदीप सिंह, सेना मेडल (सेवानिवृत्त)

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