वॉयस क्लोनिंग : नए साइबर अपराध से रहें सावधान

Edited By ,Updated: 15 Mar, 2024 04:35 AM

voice cloning beware of new cyber crime

साइबर अपराधों में लिप्त अपराधी हर दिन नए ढंग से अपने शिकारों को फंसाने के तरीके खोजते रहते हैं।

साइबर अपराधों में लिप्त अपराधी हर दिन नए ढंग से अपने शिकारों को फंसाने के तरीके खोजते रहते हैं। यदि आप जागरूक हैं तो आप इनके जाल में फंसने से बच सकते हैं। यदि आप घबराहट में कुछ ऐसा-वैसा कर बैठते हैं तो आप इनके जाल में आसानी से फंस सकते हैं। आज इस कॉलम में हम साइबर अपराध के एक नए तरीके ‘वॉयस क्लोनिंग’ के बारे में बात करेंगे जो आजकल सीधे सादे लोगों को अपना शिकार बना रहा है।

कुछ समय पहले तक साइबर अपराधियों द्वारा व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल करके लोगों से पैसा ऐंठा जा रहा था। जैसे-जैसे इस तरह के साइबर अपराध के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को पता चला तो इन साइबर ठगों के अपराधों में कमी आने लगी। परंतु ‘आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस’ के इस नए दौर में साइबर ठगी के नए तरीके भी सामने आने लगे हैं। इनमें एक ताजा तरीका है ‘वॉयस क्लोङ्क्षनग’। यह एक ऐसी तकनीक है जिससे कि कम्प्यूटर द्वारा किसी की भी आवाज की नकल आसानी से बनाई जा सकती है। आवाज की इस नकल को पहचान पाना बहुत ही मुश्किल होता है।

कुछ दिन पहले मुझे मेरे एक मित्र जतिन का घबराहट में फोन आया। उसकी घबराहट का कारण यह था कि ख़ुद को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का एक अधिकारी बताने वाला व्यक्ति उसे धमका रहा था। उस व्यक्ति ने जतिन को फोन पर यह कहते हुए धमकाया कि उसका बेटा पुलिस हिरासत में है। जब उसने अपने बेटे की गिरफ्तारी की वजह पूछी तो उसे बताया गया कि उसका बेटा अपने कॉलेज की लड़कियों को अश्लील मैसेज भेजता और उन्हें ब्लैकमेल करता है। चूंकि जतिन का बेटा आजकल के युवाओं की तरह रंगीन मिजाज का नहीं है इसलिए उसे इस बात पर यकीन नहीं हुआ। परंतु फिर भी एक घबराए हुए पिता की तरह जतिन ने भी यह जानना चाहा कि उसका बेटा कौन से थाने में है और उसे कैसे छुड़ाया जा सकेगा? परंतु तभी किसी कारण से फोन कट गया।

इसी बीच जतिन ने मुझे फोन कर अपनी परेशानी बताई। सबसे पहले मैंने उससे पूछा कि उसका बेटा इस समय कहां है? उसने बताया कि वह कॉलेज गया है। मैंने उससे पूछा कि फोन किस नंबर से आया था? क्या फोन उसके बेटे के फोन से आया था? चैक करने पर पता चला कि फोन किसी अंजान नम्बर से आया था। इतना ही नहीं उस नंबर से पहले +92 लगा था, जिससे संदेह हुआ कि यह एक फ्राड कॉल है। क्योंकि भारत के सभी फोन नंबरों से पहले +92 नहीं बल्कि +91 लगता है। मैंने जतिन को शांत करते हुए यह बात समझाई कि यदि पुलिस किसी छात्र को गिरफ्तार कर उसके माता-पिता से बात करती है तो या तो वह थाने के फोन से करेगी या छात्र के ही फोन से या पुलिस अधिकारी अपने फोन से कॉल करेगा जिसके पहले +91 लगा होगा।

इस पर जतिन को कुछ बात तो समझ में आई। लेकिन उसने यह भी कहा कि उस पुलिस अधिकारी ने उसके बेटे की फोन रिकाॄडग के कुछ अंश भी सुनाए हैं, जिसे सुन कर उसे चिंता हुई। इस पर मैंने जतिन से कहा कि क्या उसने अपने बेटे से उसी के फोन पर बात की? तो वह बोला घबराहट में उसने पहला फोन मुझे ही किया। जैसे ही जतिन ने दूसरे फोन से अपने बेटे से बात की तो उसे पता चला कि वह बिल्कुल सकुशल है और अपने कॉलेज में ही है।

मैंने जतिन को ‘वॉयस क्लोनिंग’ स्कैम के बारे में जो बताया वह आपके साथ सांझा करना भी आवश्यक है। उगाही के इस नए ढंग को यदि आप जान लेंगे तो शायद आप भी इन जालसाजों का शिकार होने से बच सकेंगे। ‘वॉयस क्लोनिंग’ साइबर ठगों का सबसे ताज़ा हथियार साबित हो रहा है। साइबर ठग आपके फोन पर किसी बैंक, फोन या बीमा कम्पनी का अधिकारी बनकर आप से बात करते हैं। ऐसे में वे आपके साथ हो रही पूरी बात को रिकॉर्ड भी कर लेते हैं।

इसके बाद ‘आर्टीफिशियल इंटैलीजैंस’ की मदद से ‘वॉयस क्लोङ्क्षनग’ सॉफ्टवेयर में आपकी बातचीत में आसानी से बदलाव लाकर, आपकी आवाज की नकल या ‘वॉयस क्लोङ्क्षनग’ कर लेते हैं। मतलब आपकी ही आवाज में बातचीत का विषय बदल देते हैं। इन साइबर ठगों के पास आपके करीबी रिश्तेदारों के नंबर होना कोई बड़ी बात नहीं है। इसी के चलते वे ‘वॉयस क्लोङ्क्षनग’ की मदद से आपकी नकली आवाज के जरिए स्कैम करने में कामयाब हो रहे हैं। इसलिए आप सभी के लिए कुछ बातों को समझना जरूरी है।

पहला, यदि आपको किसी अंजान नम्बर से ऐसा ‘वॉयस क्लोनिंग’ वाला फोन आए तो पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके जिस रिश्तेदार के बारे में बात की जा रही है, क्या वह उसी की आवाज है? दूसरा, किसी न किसी बहाने से फोन को काट कर अपने उसी रिश्तेदार को फोन कर उससे बात अवश्य करें। तीसरा, यदि कोई भी खुद को पुलिस अधिकारी बताता है तो पहले उस व्यक्ति का पूरा परिचय मांग लें और आधिकारिक फोन नंबर मांग लें। यदि संभव हो तो फ़ौरन उसके दिए परिचय की पुष्टि भी कर लें।

कभी भी अंजान नम्बर से आने वाली कॉल, खासकर जिस नम्बर से पहले +92 लगा हो उसे न उठाएं। कॉल करने वाले के लाख कहने पर भी उनकी बातों में न आएं। अपने बैंक खाते या अन्य ज़रूरी जानकारी को कभी शेयर न करें। ऐसे नंबरों को तुरंत ‘ब्लॉक’ करें। जैसे ही यह पता चले कि आपके साथ ठगी हो सकती है या आप इनके शिकार हो चुके हैं तो पुलिस को इसकी जानकारी तुरंत दें। आप सचेत रहेंगे तभी तो सुरक्षित रहेंगे। -रजनीश कपूर

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!