Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Nov, 2025 12:57 PM

टेक सेक्टर में छंटनी (Tech sector layoffs) की लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। Apple द्वारा सेल्स टीम में नौकरियां घटाने के बाद अब अमेरिका की मशहूर कंपनी HP ने भी बड़े पैमाने पर जॉब कट (HP job cut) की घोषणा कर दी है। कंपनी अगले 3 सालों में कुल 6000...
बिजनेस डेस्कः टेक सेक्टर में छंटनी (Tech sector layoffs) की लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। Apple द्वारा सेल्स टीम में नौकरियां घटाने के बाद अब अमेरिका की मशहूर कंपनी HP ने भी बड़े पैमाने पर जॉब कट (HP job cut) की घोषणा कर दी है। कंपनी अगले 3 सालों में कुल 6000 नौकरियां खत्म करने जा रही है। यह प्रक्रिया 2025 से 2028 के बीच पूरी होगी। दुनिया भर में HP के करीब 60,000 कर्मचारी हैं यानी कुल वर्कफोर्स का 10% हिस्सा प्रभावित होगा।
AI पर शिफ्ट और लागत बचत मुख्य कारण
HP ने साफ कहा है कि वह अब पूरी तरह एआई-चालित मॉडल की ओर बढ़ रही है। कंपनी का अनुमान है कि छंटनी से आने वाले तीन सालों में 1 बिलियन डॉलर (करीब ₹8,300 करोड़) की बचत होगी।
HP के शेयर 5.5% गिरे
सीईओ एनरिके लोर्स के अनुसार, वर्तमान में बिकने वाले 30% पर्सनल कंप्यूटर एआई-सक्षम हैं यानी डिमांड पारंपरिक पीसी के बजाय स्मार्ट मशीनों की ओर बढ़ रही है। हालांकि कंपनी ने चौथी तिमाही में $14.64 बिलियन का रेवेन्यू दर्ज किया, जो अनुमान से ज्यादा है लेकिन 2026 के लिए कम मुनाफे के अनुमान ने मार्केट को निराश किया। इसी कारण HP के शेयर 5.5% गिर गए। यह भी पढ़ें: Profit: निवेशकों को 4 लाख करोड़ का फायदा, क्या अमेरिका से आने वाली है गुड न्यूज?
AI चिप्स की महंगाई ने बढ़ाई मुश्किलें
एआई हार्डवेयर के लिए जरूरी चिप्स की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। HP का कहना है कि 2026 की दूसरी छमाही तक इन चिप्स और मेमोरी की कीमतें और बढ़ेंगी। कंपनी सस्ते सप्लायर तलाश रही है और कंप्यूटरों में कम मेमोरी लगाकर तथा कीमतें बढ़ाकर लागत संतुलित करने की कोशिश कर रही है।
पहले भी हो चुकी थी छंटनी की घोषणा
फरवरी 2025 में HP 1,000–2,000 नौकरियां कम करने की घोषणा कर चुका है। नई 6,000 की छंटनी उसी बड़े प्लान का हिस्सा है। कटौती का सबसे बड़ा असर प्रोडक्ट डेवलपमेंट, ऑपरेशंस और कस्टमर सपोर्ट पर पड़ेगा।
भारत में भी असर संभव
बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और नोएडा जैसे प्रमुख शहरों में HP के बड़े सेंटर हैं जहाँ हजारों लोग काम करते हैं। इस छंटनी का संभावित असर भारत पर भी पड़ सकता है। हालांकि एआई के बढ़ते उपयोग के कारण एआई इंजीनियर, मशीन लर्निंग एक्सपर्ट और डेटा साइंटिस्ट जैसी नई भूमिकाओं में नौकरियां बढ़ रही हैं, जिनकी सैलरी ₹15–60 लाख के बीच पहुंच चुकी है। यह भी पढ़ें: चीन की कार्रवाई से भारतीय मेटल स्टॉक्स चमके, Vedanta–Hindustan Copper के शेयरों में तेजी
टेक सेक्टर में जारी है छंटनी का दौर
2022–24 के दौरान मेटा, गूगल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियां पहले ही लाखों नौकरियां खत्म कर चुकी हैं...
- मेटा: 21,000
- गूगल: 12,000
- अमेजन: 27,000
- माइक्रोसॉफ्ट: 10,000