लॉकडाउन आगे बढ़ाने पर आनंद महिंद्रा की चेतावनी, कहा- अर्थव्यवस्था के लिए होगा आत्मघाती

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 May, 2020 10:30 AM

anand mahindra s warning on furthering the lockdown

देश के दिग्गज कारोबारी आनंद महिंद्रा ने कहा कि यदि लॉकडाउन को अधिक लंबी अवधि के लिए आगे बढ़ाया जाता है तो यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है।

बिजनेस डेस्कः देश के दिग्गज कारोबारी आनंद महिंद्रा ने कहा कि यदि लॉकडाउन को अधिक लंबी अवधि के लिए आगे बढ़ाया जाता है तो यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है। उन्होंने सोमवार को लगातार कई ट्वीट कर कहा कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया गया तो यह निचले तबके के लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाना 'आर्थिक हारा-किरी' यानी इकोनॉमी के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है।

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निचले तबके को सबसे ज्यादा नुकसान
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने कहा, 'लॉकडाउन ज्यादा लंबे समय तक बढ़ा तो आर्थिक हारा-किरी का जोखिम होगा। अर्थव्यवस्था का चलते रहना और आगे बढ़ना लोगों की जीविका के लिए प्रतिरक्षा तंत्र की तरह होता है। लॉकडाउन से यह प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है और सबसे ज्यादा हमारे समाज के विपन्न तबके को नुकसान पहुंचाता है।' 

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असल में हारा-किरी शब्द का मतलब आत्महत्या है। जापान में जब युद्ध में पराजित हो जाते थे तो वे बंदी बनाए जाने से बचने के लिए आत्महत्या कर लेते थे। इस प्रथा को ही हारा-किरी कहते हैं।

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सुगमता से समतल नहीं होगा ग्राफ
महिंद्रा ने एक ट्वीट में कहा, 'पिछले कुछ दिनों में ग्राफ की तेजी पर अंकुश लगने के बावजूद नए मामलों की संख्या बढ़ी है। हमारी आबादी और शेष दुनिया के सापेक्ष कम मामलों को देखते हुए अधिक जांच के साथ-साथ संक्रमण के नए मामलों की वृद्धि अपरिहार्य है। हम सुगमता से ग्राफ के समतल होने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन ने मदद नहीं की है।

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लाखों मौतों को भारत ने टाला
महिंद्रा ने कहा कि भारत ने अपनी सामूहिक लड़ाई में लाखों संभावित मौतों को टाला है। भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर मृत्यु की दर 1.4 है, जो 35 के वैश्विक औसत और अमेरिका 228 की दर की तुलना में काफी कम है। हमें लॉकडाउन से चिकित्सा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने का भी समय मिला है।’

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लॉकडाउन बढ़ाने से बढ़ेगा जोखिम
उन्होंने कहा, लेकिन अगर लॉकडाउन को लंबे समय तक बढ़ाया जाता है, तो देश आर्थिक हारा-किरी करने के जोखिम में पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, 'काम-काज करती हुई और वृद्धि करती हुई अर्थव्यवस्था आजीविका के लिए एक प्रतिरक्षा प्रणाली की तरह है। लॉकडाउन इस प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और हमारे समाज में सबसे अधिक हानि पहुंचाता है।’

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जांच का दायरा बढ़ाने की जरूरत
महिंद्रा ने कहा कि देश का लक्ष्य टाली जा सकने वाली मौतों को टाला जाना होना चाहिए। देश को तेजी से ऑक्सीजन लाइनों से लैस अस्पताल बनाने, व्यापक जांच करने और संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों को खोज निकालने की जरूरत है। महिंद्रा ने कहा कि आखिरकार, बुजुर्गों और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा की दृष्टि से समाज के कमजोर लोगों की सुरक्षा के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने एक सहयोगी की बात दोहराते हुए ट्वीट किया, 'हमें वायरस के साथ ही रहना होगा। यह (वायरस) पर्यटक वीजा पर किसी अंतिम तिथि तक के लिए नहीं आया है।’

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