Edited By ,Updated: 19 Sep, 2015 04:45 PM
उच्च आर्थिक वृद्धि और मध्यम आय वर्ग की खर्च करने की बढ़ती क्षमता के चलते अगले दो साल के दौरान देश के खिलौना उद्योग का
नई दिल्ली: उच्च आर्थिक वृद्धि और मध्यम आय वर्ग की खर्च करने की बढ़ती क्षमता के चलते अगले दो साल के दौरान देश के खिलौना उद्योग का आकार 45 करोड़ डॉलर (करीब 2950 करोड़ रुपए) तक पहुंच जाने का अनुमान है। इसका मौजूदा आकार 40 करोड़ डॉलर का है।
भारत में अहमदाबाद, बेंगलूर, हैदराबाद और पुणे खिलौना उद्योग के प्रमुख विनिर्माण केंद्रो के रूप में उभरे हैं। देश के फैलते खिलौना बाजार में परंपरागत, स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलौना कंपनियों के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध हैं। अखिल भारतीय खिलौना विनिर्माता संघ के अध्यक्ष विवेक झांगियानी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय खिलौना बाजार लगातार बढ़ रहा है और इसका स्वरूप वैश्विक बनता जा रहा है।
खिलौना उद्योग के मेले 'किड्स इंडिया' के भारत में तीसरी बार आयोजन के अवसर पर जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि मेला 24 से 26 सितंबर को मुंबई के बांबे कन्वेंशन एंड एक्जिबिशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा। मेले की आयोजक जर्मन कंपनी स्पिलवार्नमेसे ईजी के बयान के अनुसार यह आयोजन इंडो जर्मन चैंबर ऑफ कामर्स, खेल सामान निर्यात संवर्धन परिषद (सीजीईपीसी) तथा ऑल इंडिया टाय मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। भारत में यह अपनी तरह का तीसरा मेला है।
मेले में देश विदेश की प्रमुख खिलौना कंपनियां भाग लेंगी। इसके अनुसार भारतीय खिलौना उद्योग का कारोबार इस समय 40 करोड़ डालर अनुमानित है और इसके 2017 तक बढ़कर 45 करोड़ डॉलर होने का अनुमान है।