Budget 2024: चुनावी वर्ष में बजट से पहले नई शुरुआत, सरकार ने जारी की आर्थिक सेहत की रिपोर्ट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jan, 2024 03:52 PM

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केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने देश की आर्थिक सेहत पर एक रिपोर्ट पेश की है जिसके मुताबिक अगले वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी की रियल ग्रोथ करीब 7 फीसदी रह सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 29 जनवरी को अंतरिम बजट पेश होने से कुछ दिन पहले...

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने देश की आर्थिक सेहत पर एक रिपोर्ट पेश की है जिसके मुताबिक अगले वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी की रियल ग्रोथ करीब 7 फीसदी रह सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 29 जनवरी को अंतरिम बजट पेश होने से कुछ दिन पहले इसे पेश किया। इस साल चुनावी वर्ष होने के नाते 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश होगा। हालांकि इस बार नियम में कुछ बदलाव हुआ है और बदलाव ये हुआ है कि चुनावी वर्ष में बजट सत्र से पहले आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं किया जा रहा है लेकिन इस बार वोट-ऑन अकाउंट आनी अंतरिम बजट पेश होने से दो दिन पहले पेश किया गया है।

हालांकि यह आर्थिक सर्वे रिपोर्ट नहीं है बल्कि रिव्यू रिपोर्ट है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स जो इकनॉमिक सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगी, वह चुनाव के बाद फुल बजट से पहले पेश होगा।

सरकार की नीतियों से इकॉनमी को शानदार सपोर्ट

इस रिपोर्ट में चैप्टर 'द इंडियन इकॉनमी: अ रिव्यू' के तहत मंत्रालय ने लिखा है कि घरेलू मांग की मजबूती ने पिछले तीन साल में इकॉनमी की रफ्तार 7 फीसदी से अधिक रखी है। निजी खर्च और निवेश में तेजी से इकनॉमी को तगड़ा सपोर्ट मिला है और इसे पिछले दस साल में सरकारी सुधार और पहलों से सपोर्ट मिला है। फिजिकल और डिजिटल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के उपायों से सप्लाई साइड को मजबूती मिली है। ये सभी मिलकर देश में आर्थिक गतिविधियों को स्पीड दे रहे हैं। ऐसे में वित्त मंत्रालय का मानना है कि वित्त वर्ष 2024-25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी के करीब रह सकती है।

सिर्फ इस बात से इकनॉमी को है रिस्क

वित्त मंत्रालय का कहना है कि 2014-2019 के बीच वैश्विक स्तर पर फीके आर्थिक रुझान के बावजूद भारतीय इकॉनमी 7 फीसदी से अधिक की रफ्तार से बढ़ सकती है। अब आगे भी यह संभव है कि वित्तीय सेक्टर की मजबूती के साथ-साथ मौजूदा और आने वाले सुधारों के दम पर यह 7 फीसदी से अधिक की रफ्तार से बढ़ सके। इकॉनमी को सिर्फ जियोपॉलिटिकल लेवल पर बढ़ते तनाव से ही खतरा है जो चिंता की बात है। वित्त मंत्रालय का दावा है कि भारतीय इकॉनमी की क्षमता अगले 6-7 साल में 7 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य को हासिल कर लेने की है।

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