हिंदुस्तान डायमंड कंपनी समाप्त की जाएगी, सरकार का निर्णय

Edited By ,Updated: 21 Sep, 2016 04:15 PM

cabinet approves initiation of process to windup hdcpl

सरकार ने हिंदुस्तान डायमंड कंपनी प्राइवेट लि. (एच.डी.सी.पी.एल.) को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दी।

नई दिल्ली: सरकार ने हिंदुस्तान डायमंड कंपनी प्राइवेट लि. (एच.डी.सी.पी.एल.) को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दी। करीब 4 दशक पुरानी यह कंपनी सरकार तथा डी बीयर्स सेंटेनरी मारीशस लि. (डी.बी.सी.एम.एल.) का सांझा उद्यम है और इसमें दोनों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सी.सी.ई.ए.) की बैठक में यह निर्णय किया गया। वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सी.सी.ई.ए. ने एच.डी.सी.पी.एल. को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी दे दी है।

बैठक के बाद जारी इस बयान के अनुसार एच.डी.सी.पी.एल. को समाप्त करने से भारतीय हीरा कंपनियों को कच्चे हीरे की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी क्योंकि इतने वर्षों में घरेलू हीरा उद्योग विकसित हो चुका हैं और कई भारतीय कंपनियों के पास शीर्ष हीरा उत्पादक कंपनियों के साथ मिल कर हीरे की खानों के पट्टे हैं।  

एच.डी.सी.पी.एल. के गठन का मकसद भारत में हीरा प्रसंस्करण उद्योग खासकर उन लघु एवं मझोले हीरा आभूषण निर्यातकों को कच्चे हीरे की आपूर्ति की एक मजबूत व्यवस्था करना था जो कच्चे हीरे के लिए सीधे लंदन स्थित डायमंड ट्रेडिंग कंपनी (डी.टी.सी.) तक नहीं पहुंच सकती थीं। डी.टी.सी., डी बीयर्स की विपणन इकाई है जिसका दुनिया के कच्चे हीरा बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है। 

बयान में यह भी कहा गया है कि कच्चे हीरे की निरंतर आपूर्ति तथा भारत को ‘इंटरनैशनल डायमंड ट्रेडिंग हब’ बनाने के उद्देश्य के लिए सरकार ने पिछले साल मुंबई में भारत डायमंड बोर्स में विशेष अधिसूचित क्षेत्र (एसएनजेड) सृजित किया है। एच.डी.सी.पी.एल. का गठन कंपनी कानून 1956, के तहत 1978 में किया गया था।

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