Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Mar, 2024 10:19 AM
रिजर्व बैंक की लोकपाल योजनाओं के तहत दर्ज शिकायतों की संख्या वित्त वर्ष 2022-23 में 68 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 7.03 लाख हो गई। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। ये शिकायतें मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग, ऋण और अग्रिम कर्ज, एटीएम/ डेबिट...
मुंबईः रिजर्व बैंक की लोकपाल योजनाओं के तहत दर्ज शिकायतों की संख्या वित्त वर्ष 2022-23 में 68 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 7.03 लाख हो गई। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। ये शिकायतें मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग, ऋण और अग्रिम कर्ज, एटीएम/ डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पेंशन भुगतान, धन-प्रेषण और पैरा बैंकिंग एवं अन्य से संबंधित थीं। रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस), 2021 के तहत यह पहली रिपोर्ट आई है। लोकपाल योजना 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट आरबीआई लोकपाल (ओआरबीआईओ) के 22 कार्यालयों, केंद्रीकृत प्राप्ति एवं प्रसंस्करण केंद्र और संपर्क केंद्र के गतिविधियों को समाहित किए हुए है।
रिपोर्ट कहती है, "आरबी-आईओएस, 2021 के तहत शिकायतों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और 2022-23 में ओआरबीआईओ और सीआरपीसी में कुल 7,03,544 शिकायतें प्राप्त हुईं। यह गहन जन जागरूकता पहल के कारण 68.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती हैं।" बैंकों के खिलाफ कुल 1,96,635 शिकायतें मिली हैं जो कुल शिकायतों में सर्वाधिक है। यह ओआरबीआईओ को प्राप्त शिकायतों का 83.78 प्रतिशत है। ओआरबीआईओ ने वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 2,34,690 शिकायतों का निपटान किया जबकि सीआरपीसी में 4,68,854 शिकायतों का निपटारा किया गया।
आरबीआई ने कहा कि ओआरबीआईओ में शिकायतों का निपटान औसतन 33 दिनों में कर दिया गया जबकि 2021-22 के दौरान यह 44 दिन था। आरबी-आईओएस, 2021 के तहत निपटान योग्य शिकायतों में से अधिकांश (57.48 प्रतिशत) का समाधान आपसी समझौते, सुलह या मध्यस्थता के माध्यम से किया गया। बैंकों के साथ गैर-बैंकिंग भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों के खिलाफ मिली शिकायतों की कुल संख्या में मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से संबंधित शिकायतें सबसे अधिक रहीं। वहीं एनबीएफसी के मामले में निष्पक्ष व्यवहार संहिता का पालन न करने से संबंधित शिकायतें सबसे अधिक थीं।