Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 May, 2021 11:42 AM
संक्रमण की दूसरी लहर में आर्थिक गतिविधियां फिर से ठप्प हो गई हैं। इससे अप्रैल 2021 की शुरुआत से अब तक देश के लाखों लोगों की नौकरियां छिन चुकी हैं, जबकि करोड़ों लोगों का रोजगार ठप हो गया है। बेरोजगारी दर बढ़कर एक साल के शीर्ष पर पहुंच गई है।
बिजनेस डेस्कः संक्रमण की दूसरी लहर में आर्थिक गतिविधियां फिर से ठप्प हो गई हैं। इससे अप्रैल 2021 की शुरुआत से अब तक देश के लाखों लोगों की नौकरियां छिन चुकी हैं, जबकि करोड़ों लोगों का रोजगार ठप हो गया है। बेरोजगारी दर बढ़कर एक साल के शीर्ष पर पहुंच गई है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के मुताबिक, 16 मई 2021 को समाप्त हुए हफ्ते के दौरान देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 14.5 फीसदी पर पहुंच गई, जो अप्रैल में 8 फीसदी पर थी। हालांकि, अब भी ये पिछले साल के अप्रैल और मई के मुकाबले 8 फीसदी से ज्यादा कम है। दरअसल, अप्रैल-मई 2020 के दौरान देश में बेरोजगारी दर 23 फीसदी से ऊपर थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण दोबारा बढ़ने से कई राज्यों में लॉकडाउन चल रहा है, जिससे उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी घटी है। अनुमान है कि मई में पूरे महीने बेरोजगारी दर 10 फीसदी से ऊपर बनी रहेगी। महामारी आने के बाद से 2020-21 के पूरे वित्तवर्ष में बेरोजगारी दर औसतन 8.8 फीसदी रही।
CMIE के आंकड़ों से पता चलता है कि लगातार पांचवे हफ्ते कंज्यूमर सेंटिमेंट इंडेक्स में 1.5 फीसदी की गिरावट आई है। मार्च के अंतिम हफ्ते से इंडेक्स में 9.1 फीसदी की गिरावट आई है। इस साल अप्रैल में कंज्यूमर सेंटिमेंट इंडेक्स 2019-20 के मुकाबले करीब 49 फीसदी नीचे था। पिछले साल अप्रैल में यह 2019-20 के औसत से करीब 57 फीसदी नीचे था।
परिवार की इनकम भी घटी
CMIE के मुताबिक, कंज्यूमर सेंटिमेंट में गिरावट की मुख्य वजह परिवार की इनकम में गिरावट और भविष्य को लेकर निराशा की स्थिति है। आंकड़ों से पता चलता है कि करीब 55.5 फीसदी परिवारों ने इनकम में गिरावट की बात कही है। 41.5 फीसदी परिवारों ने कहा है कि एक साल पहले के मुकाबले उनकी इनकम में कोई बदलाव नहीं आया है। सिर्फ 3.1 फीसदी परिवारों ने कहा कि एक साल पहले के मुकाबले उनकी इनकम में इजाफा हुआ है।
आपूर्ति के मोर्चे पर सुधर रही स्थिति
CMIE का यह भी कहना है कि सितंबर से अर्थव्यवस्था में आपूर्ति के मोर्चे पर सुधार आ रहा है। आर्थिक गतिविधियों पर पाबंदी हटने के चलते ऐसा हुआ है। पिछले साल मार्च से लॉकडाउन शुरू होने के बाद आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई थीं, जिसका असर आपूर्ति पर पड़ा था।