2022-23 में देश की गरीबी दर घटकर 4.5-5% पर पहुंची, SBI रिसर्च में दावा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Feb, 2024 03:14 PM

country s poverty rate to decline to 4 5 5 in 2022 23

केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं की बदौलत भारत की गरीबी दर के आंकड़ों में बड़ी गिरावट आई है। SBI रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की गरीबी दर 2022-23 में घटकर 4.5-5 फीसदी रह गई। 2011-12 में ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी 25.7 फीसदी थी, जो घटकर 7.2 फीसदी रह...

नई दिल्लीः केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं की बदौलत भारत की गरीबी दर के आंकड़ों में बड़ी गिरावट आई है। SBI रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की गरीबी दर 2022-23 में घटकर 4.5-5 फीसदी रह गई। 2011-12 में ग्रामीण क्षेत्र की गरीबी 25.7 फीसदी थी, जो घटकर 7.2 फीसदी रह गई है। इसी तरह, शहरी क्षेत्र की गरीबी एक दशक पहले की अवधि से घटकर 4.6 फीसदी पर आ गई है। 

क्या कहा गया रिसर्च रिपोर्ट में

SBI रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018-19 के बाद से ग्रामीण गरीबी में 440-आधार अंक की महत्वपूर्ण गिरावट आई है और कोविड महामारी के बाद शहरी गरीबी में 170-आधार अंक की गिरावट आई है। यह संकेत है कि गरीब तबके या निचले हिस्से के लोगों के लिए सरकारी योजनाएं कारगर साबित हो रही हैं। कई सरकारी योजनाएं हैं, जिसका ग्रामीण आजीविका पर लाभकारी प्रभाव पड़ा है। विश्व बैंक के एक नोट के मुताबिक भारत की गरीबी दर ग्रामीण क्षेत्रों में 11.6 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 6.3 फीसदी तक गिर गई है।

कैसे निकाले गए आंकड़े

गरीबी दर को लेकर नया फॉर्मूला सुरेश तेंदुलकर की अध्यक्षता वाले एक विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों के तहत तैयार किया गया है। इस फॉर्मूले के मुताबिक 2011-12 के लिए राष्ट्रीय गरीबी रेखा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 816 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति माह और शहरी क्षेत्रों के लिए 1,000 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति माह अनुमानित की गई थी। बता दें कि भारत में साल 2014 के बाद से गरीबी रेखा की गणना में कोई संशोधन नहीं हुआ है। 

उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण के आंकड़े

इससे पहले नीति आयोग के सीईओ बीवी आर सुब्रमण्यम ने रविवार को गरीबी रेखा को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि नवीनतम उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि देश में गरीबी कम होकर पांच प्रतिशत पर आ गई है और ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग समृद्ध हो रहे हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने शनिवार को वर्ष 2022-23 के लिए घरेलू उपभोग व्यय पर डेटा जारी किया। यह दिखाता है कि 2011-12 की तुलना में 2022-23 में प्रति व्यक्ति मासिक घरेलू व्यय दोगुना से अधिक हो गया है। 

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