डिफेंस में Make in India को बढ़ावा, देसी कंपनियों को लगेंगे पंख

Edited By ,Updated: 22 May, 2017 10:43 AM

defense promotes make in india

रक्षा क्षेत्र में देसी निजी भागीदारी और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है।

नई दिल्लीः रक्षा क्षेत्र में देसी निजी भागीदारी और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल की बैठक में स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पॉलिसी को मंजूरी दे दी गई है। अब कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी यानि सी.सी.आई. इस पॉलिसी को अंतिम मंजूरी देगी। इसके साथ ही सेना को 39 चॉपर्स खरीदने को हरी झंडी दिखाई गई है। सेना को मॉडर्नाइजेशन के लिए भी हरी झंडी दी गई है।

माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। 4 बड़े रक्षा क्षेत्र मेक इन इंडिया के लिए खोल दिए गए हैं। इसमें फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर, पनडुब्बी और टैंक शामिल हैं। सरकार के कदम से देश में ज्यादा फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर, पनडुब्बी और टैंक बनेंगे। घरेलू कंपनियां ग्लोबल कंपनियों से हाथ मिलाएंगी और विदेशी ओ.ई.एम. यानि ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर से टेक्निकल सपोर्ट ले सकेंगी।

विदेशी कंपनियों पर घटेगी निर्भरता 
बता दें कि अभी भारत में 65 फीसदी रक्षा सामग्री इंपोर्ट होती है, लेकिन डिफेंस सेक्टर में मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलने से विदेशी कंपनियों पर निर्भरता घटेगी। साथ ही आपात समय में सप्लाई रुकने का खतरा भी घटेगा।

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