Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Sep, 2023 11:38 AM
अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने, मजबूत डॉलर और आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर के पहले पखवाड़े में भारतीय शेयर बाजारों से करीब 4,800 करोड़ रुपए निकाले हैं। इससे पहले एफपीआई मार्च से अगस्त तक...
बिजनेस डेस्कः अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने, मजबूत डॉलर और आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर के पहले पखवाड़े में भारतीय शेयर बाजारों से करीब 4,800 करोड़ रुपए निकाले हैं। इससे पहले एफपीआई मार्च से अगस्त तक लगातार छह माह भारतीय शेयरों में शुद्ध लिवाल रहे थे। इस दौरान उन्होंने 1.74 लाख करोड़ रुपए के शेयर खरीदे थे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, आने वाले दिनों में एफपीआई बिकवाल रह सकते हैं क्योंकि मूल्यांकन रिकॉर्ड उच्चस्तर पर है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल (10 साल के लिए 4.28 प्रतिशत) ऊंचे स्तर पर है और डॉलर सूचकांक भी 105 के ऊपर है। ऐसे में एफपीआई अभी और बिकवाली कर सकते हैं।''
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने अबतक (15 सितंबर तक) शेयरों से शुद्ध रूप से 4,768 करोड़ रुपए निकाले हैं। इससे पहले अगस्त में शेयरों में एफपीआई का प्रवाह चार माह के निचले स्तर 12,262 करोड़ रुपए पर आ गया था।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक - प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर, विशेषरूप से अमेरिका में ब्याज दर परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता की वजह से एफपीआई सितंबर में शुद्ध बिकवाल रहे हैं।'' आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में 2,000 करोड़ रुपए डाले हैं। इस तरह चालू कैलेंडर साल में अबतक शेयरों में एफपीआई का निवेश 1.3 लाख करोड़ रुपए रहा है। वहीं बॉन्ड बाजार में उन्होंने 30,200 करोड़ रुपए से ज्यादा डाले हैं।