वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद FPI ने 2023 में भारतीय शेयरों में डेढ़ लाख करोड़ रुपए डाले

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Dec, 2023 01:48 PM

fpis put rs 1 5 lakh crore into indian stocks in 2023

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2023 में भारतीय शेयर बाजार में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए डाले हैं। निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भरोसे के चलते भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों का आकर्षण बना हुआ है।...

बिजनेस डेस्कः विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2023 में भारतीय शेयर बाजार में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए डाले हैं। निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भरोसे के चलते भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों का आकर्षण बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि एफपीआई का यह सकारात्मक रुख अगले साल यानी 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है।

मॉर्निंगस्टोर इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि आगे चलकर अगले साल होने वाले आम चुनाव के बीच राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक वृद्धि विदेशी निवेशकों के लिए प्रमुख मुद्दा रहेगी। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति और ब्याज दर परिदृश्य भारतीय शेयरों में विदेशी प्रवाह की दिशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि अपनी मजबूत आर्थिक वृद्धि के साथ भारत एफपीआई के आकर्षण का केंद्र बना रहेगा।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल अबतक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसके अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में भी उन्होंने लगभग 60,000 करोड़ रुपए डाले हैं। कुल मिलाकर उनका निवेश दो लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा है। तीन महत्वपूर्ण राज्यों में हाल के चुनावों में भाजपा की जीत के बाद राजनीतिक स्थिरता की स्थिति बेहतर होने से शेयरों में डेढ़ लाख करोड़ रुपए के निवेश में से करीब 43,000 करोड़ रुपए का प्रवाह दिसंबर के पहले दो सप्ताह में हुआ है। माना जा रहा है कि एफपीआई प्रवाह के लिए यह सबसे अच्छा साल हो सकता है। एफपीआई ने 2021 में शेयरों में शुद्ध रूप से 25,752 करोड़ रुपए, 2020 में 1.7 लाख करोड़ रुपए और 2019 में 1.01 लाख करोड़ रुपए डाले थे। 

श्रीवास्तव ने कहा कि 2022 में विदेशी निवेशकों का प्रवाह काफी हद तक अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित बाजारों में मुद्रास्फीति और ब्याज दर परिदृश्य, मुद्रा के उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल की कीमतों, भू-राजनीतिक परिदृश्य और घरेलू अर्थव्यवस्था की सेहत जैसे कारकों से प्रेरित था। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, ‘‘भारत एफपीआई के लिए शीर्ष निवेश गंतव्य है। वैश्विक निवेशक समुदाय के बीच यह आम राय है कि आगामी वर्षों में सतत वृद्धि की दृष्टि से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत की स्थिति सबसे बेहतर है।''  

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