घट सकता सोने का आयात, साल के आखिर तक आएगी किल्लत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jul, 2017 12:02 PM

gold imports fall  shortfall will come by the end of the year

चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में सोने का आयात 500 टन से अधिक रहा है और जून तिमाही में मांग 126 फीसदी बढ़ी है

नई दिल्लीः चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में सोने का आयात 500 टन से अधिक रहा है और जून तिमाही में मांग 126 फीसदी बढ़ी है लेकिन वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के कारण 2017 की दूसरी छमाही में सोने के आयात में भारी कमी के आसार हैं। एक अनुमान के मुताबिक आयात में यह गिरावट इस साल की जुलाई-दिसंबर अवधि में 50 फीसदी या करीब 250 टन हो सकती है।
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थॉमसन रॉयटर्स जीएफएमएस के स्वर्ण सर्वेक्षण : 2017 की पहली छमाही की समीक्षा एवं परिदृश्य के मुताबिक, 'पहली छमाही का आयात पहले ही पूरे वर्ष 2016 के स्तर पर पहुंच चुका है और हमारे अनुमान से दूसरी छमाही में आयात 250 टन से अधिक नहीं रहेगा।' इसका मतलब है कि इस साल की दूसरी छमाही में आयात में भारी कमी के बावजूद पूरे वर्ष में कुल आयात 758 टन रहेगा, जो वर्ष 2016 के आयात 510 टन से करीब 50 फीसदी अधिक है।
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दूसरी छमाही में मांग घटने के आसार की वजह यह है कि पहली छमाही में गहनों की खरीद हो चुकी है और पिछले साल अच्छे मॉनसून के कारण कृषि गतिविधियों में तेजी आई है। वर्ष 2016 में मॉनसून आने से पहले ग्रामीण खरीदार बाजार से लगभग पूरी तरह दूरी बनाए हुए थे। यह साल भी कृषि के लिए बेहतर रहने के आसार हैं, जिससे दिसंबर तिमाही में मांग आ सकती है। एक सर्वे के मुताबिक सराफा पर 3 फीसदी और आभूषण मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी जीएसटी है। यह इतना अधिक नहीं है कि ग्राहक खरीदारी से दूरी बना लें।

हालांकि असंगठित बाजार पर हमारे हालिया सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि यह और ज्यादा फलेगा-फूलेगा क्योंकि यह नकद आधारित कारोबार होगा और इसमें कम निगरानी होगी। जीएफएमएस का अनुमान है कि निकट भविष्य में कीमतें कमजोर रहेंगी क्योंकि भारत में दूसरी छमाही में मांग कम रहने के आसार हैं। 

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