Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Dec, 2020 05:58 PM
बिजली वितरण करने वाली कंपनियों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार आगामी यूनियन बजट में 3 लाख करोड़ रुपए के पावर सप्लाई रिफॉर्म की घोषणा कर सकती है। इस योजना को अटल डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम इम्प्रूवमेंट योजना के नाम से जाना जाएगा।
बिजनेस डेस्कः बिजली वितरण करने वाली कंपनियों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार आगामी यूनियन बजट में 3 लाख करोड़ रुपए के पावर सप्लाई रिफॉर्म की घोषणा कर सकती है। इस योजना को अटल डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम इम्प्रूवमेंट योजना के नाम से जाना जाएगा। आपको बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार की पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड ने इस योजना को मंजूरी दी थी। इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2021-22 के लिए पेश होने वाले बजट में इस योजना की घोषणा कर सकती हैं।
यह भी पढ़ें- 1 जनवरी से महंगी होंगी महिंद्रा एंड महिंद्रा की गाड़ियां, कंपनी ने किया ऐलान
पावर सप्लाई रिफॉर्म का मकसद शुरुआती चरण में Discoms के घाटे को 12 से 15% तक कम करना है। इसके बाद मार्च 2025 तक बिजली उत्पादन करने में आने वाले खर्च और बिजली वितरण की दर के बीच के घाटे को शून्य करना है। इस योजना का मकसद पावर सप्लाई की गुणवत्ता को भी सुधारना है।
यह भी पढ़ें- इस Video को देख आनंद महिंद्रा के छलके आंसू, बोले- 'मेरी पोती नहीं, लेकिन...'
60,000 करोड़ रुपए देगी केंद्र सरकार
इस योजना में खर्च होने वाले 3 लाख करोड़ रुपए में केंद्र सरकार 60,000 करोड़ रुपए देगी और शेष 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपए एशियन डेवलपमेंट बैंक और वर्ल्ड बैंक जैसी वैश्विक फंडिंग एजेंसियों से जुटाने की योजना है। सरकार की प्लानिंग इस योजना में इंटिग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम और दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना को समाहित करने की है। इन योजनाओं में खर्च होने वाली राशि भी Discoms को दी जाएंगी ताकि पावर सप्लाई रिफॉर्म के लक्ष्यों को पूरा किया जा सके।
यह भी पढ़ें- RBI ने खाता खुलवाने के नियमों में किया बदलाव, जानिए क्या हैं नए नियम
ड्राफ्ट जारी होते ही विरोध
केंद्र सरकार इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 लाएगी। प्रस्तावित सुधार में डायरेक्ट पावर सब्सिडी और फ्रेंचाइज मॉडल का भी का प्रावधान है। सरकार पावर सब्सिडी खत्म करने के भ्रम को भी दूर करने का प्रयास करेगी। हालांकि, इसके कई प्रावधानों से राज्य नाखुश हैं। इस बिल में इस बात का प्रावधान है कि लागत से कम मूल्य पर किसानों सहित किसी भी उपभोक्ता को बिजली न दी जाए। हालांकि, ऊर्जा मंत्रालय विवादित मुद्दों पर फिर से बातचीत की प्रक्रिया प्रारंभ करेगा।
यह भी पढ़ें- लॉकडाउन से वाहन उद्योग को प्रतिदिन 2,300 करोड़ रुपए का नुकसान, लाखों लोगों की नौकरियां जाने का अंदेशा