सरकार का हरित इस्पात की सार्वजनिक खरीद को अनिवार्य बनाने पर विचार: अधिकारी

Edited By Updated: 25 Jul, 2025 04:34 PM

government considering making public procurement of green

सरकार हरित इस्पात की सार्वजनिक खरीद को अनिवार्य बनाने के तौर-तरीकों पर विचार कर रही है, जो पारंपरिक रूप से कार्बन उत्सर्जन के साथ बने इस्पात से बदलाव की दिशा में एक कदम है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। पारंपरिक तरीकों की तुलना में काफी कम...

नई दिल्लीः सरकार हरित इस्पात की सार्वजनिक खरीद को अनिवार्य बनाने के तौर-तरीकों पर विचार कर रही है, जो पारंपरिक रूप से कार्बन उत्सर्जन के साथ बने इस्पात से बदलाव की दिशा में एक कदम है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। पारंपरिक तरीकों की तुलना में काफी कम कार्बन उत्सर्जन के साथ बने इस्पात को हरित इस्पात कहते हैं। इस्पात मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार अश्विनी कुमार ने कहा, ''हरित इस्पात बाजार में होगा और कम हरित इस्पात से प्रतिस्पर्धा करेगा।'' उन्होंने एसोचैम के कार्यक्रम 'इंडिया स्टील कॉन्क्लेव 2025' को संबोधित करते हुए कहा, ''हरित इस्पात की सार्वजनिक खरीद को अनिवार्य बनाने की जरूरत है। हम इस पर भी काम कर रहे हैं।''

कुमार ने कहा, ''यह एक पेचीदा काम है। मुझे नहीं पता कि हरित इस्पात की सार्वजनिक खरीद कब लागू होगी लेकिन अभी भी तौर-तरीकों पर विचार किया जा रहा है।'' सरकार हरित इस्पात मिशन पर भी काम कर रही है। कुमार ने कहा कि यूरोपीय संघ का कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम) मुक्त व्यापार समझौते की भावना के विरुद्ध है। भारत और चीन जैसे देशों से आयातित लोहा, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक और एल्युमीनियम जैसे ऊर्जा गहन उत्पादों पर यूरोपीय संघ सीबीएएम को लागू कर रहा है।

इस्पात मंत्रालय उद्योग में कार्बन उत्सर्जन कम करने और शुद्ध-शून्य लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए 15,000 करोड़ रुपये से हरित इस्पात मिशन तैयार कर रहा है।  

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