सरकार घटा सकती है लाइसेंस फीस, एयरटेल-वोडा-जियो की होगी करोंड़ों की बचत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Dec, 2019 04:25 PM

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सरकार टेलिकॉम कंपनियों की लाइसेंस फीस 8 प्रतिशत से घटाकर 5 या 6 प्रतिशत कर सकती है। भारी कर्ज से बदहाल इन कंपनियों के लिए यह हाल में दूसरी बड़ी राहत होगी, उनकी करोड़ों में बचत संभव हो पाएगी। रिलायंस जियो इन्फोकॉम के सितंबर 2016 में बाजार में आने

मुंबईः सरकार टेलिकॉम कंपनियों की लाइसेंस फीस 8 प्रतिशत से घटाकर 5 या 6 प्रतिशत कर सकती है। भारी कर्ज से बदहाल इन कंपनियों के लिए यह हाल में दूसरी बड़ी राहत होगी, उनकी करोड़ों में बचत संभव हो पाएगी। रिलायंस जियो इन्फोकॉम के सितंबर 2016 में बाजार में आने के बाद इंडस्ट्री में कीमतों की जंग शुरू हुई, जिससे पुरानी टेलिकॉम कंपनियों की आमदनी और मार्जिन में गिरावट आई।

लाइसेंस फीस घटाने पर विचार
दो शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इस हफ्ते सरकार में उच्चस्तरीय मीटिंग होगी। इसमें लाइसेंस फीस घटाने पर विचार होगा। इंडस्ट्री को जानने वालों का कहना है कि इससे तीनों टेलिकॉम कंपनियों को हर साल 4,000-5,000 करोड़ रुपये की बचत होगी लेकिन इससे वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल की बैलेंस शीट से दबाव नहीं घटेगा, जिन्हें दूरसंचार विभाग को क्रमश: 53,000 और 35,500 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले में अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की परिभाषा को व्यापक बनाने से इन पर यह देनदारी आई है।

'AGR बकाए पर कुछ नहीं कर सकती सरकार'
शीर्ष सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘सरकार AGR बकाए पर कुछ नहीं कर सकती क्योंकि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ने लिया है। केंद्र ने पहले कंपनियों को स्पेक्ट्रम बकाये के भुगतान पर दो साल की मोहलत दी और अब लाइसेंस फीस में कटौती पर गौर किया जाएगा।’ इस मामले से वाकिफ एक अन्य सूत्र ने कहा कि एक बार फैसला हो जाए, फिर इसे कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

स्पेक्ट्रम पेमेंट वाली सिफारिश पर पहले ही मंजूरी
टेलिकॉम सेक्टर की वित्तीय सेहत में सुधार के उपाय सुझाने के लिए सचिवों की समिति ने पिछले महीने रिपोर्ट सौंपी थी। उसने स्पेक्ट्रम पेमेंट से दो साल की छूट के साथ लाइसेंस फीस में कटौती का सुझाव दिया था। स्पेक्ट्रम पेमेंट वाली सिफारिश को कैबिनेट पहले ही मंजूरी दे चुकी है। इससे निजी क्षेत्र की तीनों टेलिकॉम कंपनियों को 42,000 करोड़ रुपये की कैश फ्लो रिलीफ मिली है। अब लाइसेंस फीस में कटौती पर विचार हो रहा है।

कितनी हो सकती है लाइसेंस फीस?
दूरसंचार कंपनियां हर साल अपने AGR का 8 प्रतिशत सरकार को लाइसेंस फीस देती हैं। इंडस्ट्री लंबे समय से इसे घटाने की मांग कर रही है। वह स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज (SUC) में भी कटौती चाहती है, जो AGR का 3-5 प्रतिशत है। एक अधिकारी ने बताया, ‘लाइसेंस फीस का जो हिस्सा यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) में जाता है, उसे 5 प्रतिशत से घटाकर 3 या 4 प्रतिशत किया जा सकता है, जबकि विशुद्ध लाइसेंस फीस को 3 से घटाकर 2 प्रतिशत।’

एयरटेल, वोडा को कितनी होगी बचत?
ऐनालिस्टों ने बताया कि अगर लाइसेंस फीस घटाकर 5 प्रतिशत की जाती है तो वित्त वर्ष 2021 में भारती एयरटेल को 2,000 करोड़, जियो को 1,500 करोड़ और वोडाफोन आइडिया को करीब 800 करोड़ की बचत होगी।

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