Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Nov, 2025 12:43 PM

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में गत 22 सितंबर से किए गए बदलाव के कारण अक्टूबर में घरेलू विनिर्माण गतिविधियों में तेजी देखने को मिली है। मासिक आधार पर जारी एचएसबीसी भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) सितंबर के 57.7 से बढ़कर अक्टूबर...
मुंबईः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में गत 22 सितंबर से किए गए बदलाव के कारण अक्टूबर में घरेलू विनिर्माण गतिविधियों में तेजी देखने को मिली है। मासिक आधार पर जारी एचएसबीसी भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) सितंबर के 57.7 से बढ़कर अक्टूबर में 59.2 पर पहुंच गया। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में तेजी को और इससे कम रहना मंदी को दिखाता है जबकि 50 का स्तर स्थिरता का संकेत है।
पीएमआई रिपोर्मेंट कहा गया है कि जीएसटी में राहत, उत्पादकता बढ़ने और प्रौद्योगिकी में निवेश से विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि की रफ्तार तेज हुई है। नए ऑडर्रों में तेजी से वृद्धि हुई है और इसमें घरेलू बाजार की भूमिका रही है, हालांकि विदेशों से मिले ऑडर्रों में बढ़ोतरी सुस्त पड़ी है। कच्चे माल के भंडार में लगभग रिकॉर्ड गति से तेजी आई है। विदेशी बिक्री 10 महीने में सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ी है।
भारत में एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, "मांग मजबूत रहने से अक्टूबर में आउटपुट नए ऑडर्र और रोजगार सृजन में तेजी आयी है। लागत मूल्य में कमी आई है जबकि औसत विक्रय मूल्य बढ़ा है। जीएसटी सुधार और मजबूत मांग से सकारात्मक उम्मीदों के कारण भविष्य को लेकर कारोबारी भावना मजबूत बनी हुई है।" रिपोर्ट के अनुसार, विनिर्माताओं ने कच्चे माल की खरीद बढ़ा दी और इसमें वृद्धि की रफ्तार मई 2023 के बाद सबसे अधिक रही। लगातार 12वें महीने नए रोजगारों का सृजन हुआ है, हालांकि इसकी रफ्तार सितंबर की तरह ही धीमी रही।