Breaking




दूरसंचार क्षेत्र पर न्यायालय के आदेश से कोई मुद्दा उठा तो आंतरिक स्तर पर चर्चा होगी: दास

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Feb, 2020 03:52 PM

if any issue arises from court order on telecom sector there will be discussion

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि दूरसंचार कंपनियों पर सांविधिक बकाए को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश से बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ा कोई मुद्दा उठा तो केंद्रीय बैंक उस पर आंतरिक रूप से चर्चा करेगा। उच्चतम न्यायालय...

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि दूरसंचार कंपनियों पर सांविधिक बकाए को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश से बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ा कोई मुद्दा उठा तो केंद्रीय बैंक उस पर आंतरिक रूप से चर्चा करेगा। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य दूरसंचार कंपनियों को चेतावनी दी है कि यदि वे न्यायालय के निर्देशानुसार समायोजित सकल आय (एजीआर) के 1.47 लाख करोड़ रुपए के आनुमानित बकाए को नहीं चुकाती हैं तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। 

दास ने इस आदेश पर कोई खास टिप्पणी नहीं की, जिसका असर उन बैंकों पर हो सकता है, जिन्होंने वित्तीय रूप से कमजोर दूरसंचार कंपनियों को कर्ज दिया है। इस आदेश के बारे में पूछने पर दास ने कहा कि यदि इसके संबंध में कोई मुद्दा सामने आया तो उस पर आंतरिक रूप से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह उच्चतम न्यायालय का आदेश है और शीर्ष न्यायालय के किसी आदेश और इसके नतीजों पर मैं किसी भी तरह की टिप्पणी करना नहीं चाहूंगा। यह शीर्ष न्यायालय का आदेश है। इसके जो भी निहितार्थ आदि हों, उसकी समीक्षा करना रिजर्व बैंक का आंतरिक विषय है। यदि इस (आदेश) से जुड़ा कोई मुद्दा सामने आता है तो उस पर आंतरिक रूप से विचार किया जाएगा।” 

रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद दास ने संवाददाताओं से कहा कि आने वाले महीनों में ऋण उठाव तेज होने की संभावना है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रमुख रजनीश कुमार ने शुक्रवार को कहा था कि बकाए को चुकाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को अब धन का प्रबंधन करना होगा और यह मानना सबसे सुरक्षित होगा कि उन्होंने इसके लिए अब तक कुछ न कुछ इंतजाम कर लिया है। न्यायालय के आदेश के तुरंत बाद शुक्रवार को भारती एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को 20 फरवरी तक 10,000 करोड़ रुपए देने की पेशकश की थी और उसके कहा था कि बाकी रकम न्यायालय में अगली सुनवाई से पहले दे दी जाएगी। 

एयरटेल पर लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में करीब 35,586 करोड़ रुपए बकाया हैं, जो उसे सरकार को देना है। वोडाफोन आइडिया को कुल 53,000 करोड़ रुपए अदा करने हैं, जिनमें से 24,729 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम के बकाया हैं और अन्य 28,309 करोड़ रुपए लाइसेंस शुल्क के बकाया हैं। वोडाफोन ने इससे पहले चेतावनी दी थी कि यदि उसे एजीआर के मसले पर राहत नहीं मिली, तो कंपनी बंद हो जाएगी। 

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!