Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Feb, 2018 05:38 AM
मोदी सरकार चाहती है कि अगले साल वल्र्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनैस रैंकिंग में भारत टॉप 50 देशों में शामिल हो। इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार ने रणनीति बना ली है। इस रणनीति पर जल्द ही काम शुरू होगा। वल्र्ड बैंक की पिछले साल की ईज ऑफ डूइंग बिजनैस...
नई दिल्ली: मोदी सरकार चाहती है कि अगले साल वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनैस रैंकिंग में भारत टॉप 50 देशों में शामिल हो। इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार ने रणनीति बना ली है। इस रणनीति पर जल्द ही काम शुरू होगा। वर्ल्ड बैंक की पिछले साल की ईज ऑफ डूइंग बिजनैस में भारत 30 पायदान की छलांग लगाते हुए 130 से 100वें रैंक पर पहुंचा था।
रैंकिंग को सुधारने की रणनीति के तहत टैक्स विभाग में टैक्स भरने और रिफंड लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन परमिट लेना भी आसान बनाया जाएगा। देश में बिजनैस का माहौल बेहतर बनाने के लिए विशेष तौर पर 4 सैक्टर में सुधार पर काम होगा। इस काम के लिए 4 एजैंसियां नियुक्त की जाएंगी। सूत्रों के अनुसार बिजनैस करने वालों के लिए टैक्स और क्लीयरैंस सिस्टम्स आसान किया जाएगा। बिजनैस का सारा काम ऑनलाइन ही हो जाएगा और उन्हें टैक्स विभाग के दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। मुम्बई, दिल्ली में सुधार पर खास ध्यान इसके लिए आई.टी. और आधार पर जोर होगा। गौरतलब है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनैस की रैंकिंग वल्र्ड बैंक देता है।
सूत्रों के अनुसार देश में बिजनैस करने का माहौल बेहतर बनाने के लिए 4 एजैंसियां नीतियों को सही तरीके से लागू करने का काम करेंगी। ये एजैंसियां हैं नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ कंस्ट्रक्शन मैनेजमैंट एंड रिसर्च, इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, इंस्टीच्यूट ऑफ कम्पनी सैक्रेटरीज ऑफ इंडिया और इंस्टीच्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाऊंटैंट्स ऑफ इंडिया। ये एजैंसियां ईज ऑफ डूइंग बिजनैस को बढ़ाने के लिए सुझाव भी देंगी।