सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में चमक, ऊंचे ​रिटर्न से निवेशक हुए आकर्षित

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jan, 2024 01:45 PM

investors attracted by shine in sovereign gold bond high returns

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) एक बार फिर पसंदीदा बन गया है और वित्त वर्ष 24 में अब तक इस बॉन्ड को लेकर प्रतिक्रिया वित्त वर्ष 21 के लॉकडाउन वाले वर्ष में मिली अब तक की सालाना सर्वोच्च प्रतिक्रिया के आसपास है। वित्त वर्ष 21 में जब लॉकडाउन के कारण देश भर...

नई दिल्लीः सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) एक बार फिर पसंदीदा बन गया है और वित्त वर्ष 24 में अब तक इस बॉन्ड को लेकर प्रतिक्रिया वित्त वर्ष 21 के लॉकडाउन वाले वर्ष में मिली अब तक की सालाना सर्वोच्च प्रतिक्रिया के आसपास है। वित्त वर्ष 21 में जब लॉकडाउन के कारण देश भर के अधिकांश ज्वैलरी स्टोर बंद थे तब 12 चरणों (हर माह में एक) में कुल 32.4 टन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदे गए थे। तब निवेश विशेषज्ञों ने एसजीबी में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का प्रस्ताव रखा था।

हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष में हर तिमाही सिर्फ एक एसजीबी का ऐलान हुआ है और तीन तिमाहियों में अब तक निवेशकों ने कुल 31.6 टन एसजीबी खरीदे हैं। एसजीबी का अगला चरण मार्च 2024 में होगा और पिछले तीन चरणों के साथ वित्त वर्ष 24 का आंकड़ा वित्त वर्ष 21 के रिकॉर्ड 32.4 टन के आवेदन के पार निकल सकता है।

विशेषज्ञों ने कहा कि एसजीबी का बाजार अब परिपक्व हो रहा है। वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 22 में मिली अच्छी प्रतिक्रिया की वजह लॉकडाउन और ज्यादातर ज्वैलरी स्टोरों का बंद होना था। ऐसे में एसजीबी की खरीद नेट बैंकिंग के जरिए संभव थी। वित्त वर्ष 23 में गोल्ड बॉन्ड के आवेदनों में गिरावट आई, जिससे कयास लगाया गया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद निवेशकों की दिलचस्पी खत्म हो रही है।

हालांकि इस साल काफी मजबूत सुधार हुआ है और पहली तीन तिमाहियों में आवेदन का कुल आंकड़ा वित्त वर्ष 23 के आवेदन के मुकाबले 157 फीसदी ज्यादा है। कुछ अग्रणी ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्मों ने भी अपने टर्मिनलों पर एसजीबी की बिक्री शुरू की है।

एलएसईजी में अग्रणी विश्लेषक (धातु) देवजित साहा ने कहा कि एसजीबी का बाजार परिपक्व हो गया है। उसे मिले समर्थन से यह जाहिर होता है। यह आगे भी ऐसा ही बना रहेगा। सॉवरेन गारंटी भी निवेशकों को आकर्षित करती है। इससे यह भरोसा मजबूत होता है कि उत्पाद आकर्षक है और उभरता मध्य वर्ग बढ़ती कीमतों व रिटर्न के कारण गोल्ड बॉन्डों में निवेश बढ़ा रहा है। वित्त वर्ष 2016 में इसकी पेशकश के बाद से कुल 134.2 टन सोने की खरीद एसजीबी के तहत हुई है। यह विशुद्ध रूप से वित्तीय योजना है, जिसका मतलब यह है कि इसके बराबर आयात में बचत की गई है।

क्वांटम एएमसी के फंड मैनेजर गजल जैन ने कहा कि एसजीबी को लेकर प्रतिक्रिया मजबूत रही है। साथ ही पहली बार के गोल्ड बॉन्ड को मिले उत्साहजनक रिटर्न (जो हाल में परिपक्व हुआ) को देखते हुए निवेशक शायद पिछले रिटर्न की सोच सकते हैं। जैन ने कहा कि एसजीबी को आक्रामकता के साथ विभिन्न इंटरमीडियरी चैनलों के जरिये निवेशकों के पास पहुंचाया गया।

आने वाले समय में सरकार की तरफ से ऐसे बॉन्डों को जारी रखने की इच्छाशक्ति एसजीबी बाजार का आकार तय करेगी। हालांकि लंबी अवधि के लिहाज से एसजीबी निवेश का अच्छा उपाय है, जिसमें ब्याज भुगतान और कराधान का लाभ मिलता है, लेकिन इसे बेचकर तुरंत पैसा हासिल करने की सीमा हो जो इसकी खामी है। गोल्ड बॉन्ड 8 साल में परिपक्व होता है और इसमें सभी रिटर्न को पूंजीगत लाभ कर से छूट मिली हुई है। इस वजह से पहले चरण में दो अंकों में कर मुक्त रिटर्न मिला, जो नवंबर 2023 के आखिर में परिपक्व हुआ। इसके अलावा निवेशक को हर साल अपने निवेश पर 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है।

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