Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Aug, 2025 05:42 PM

लोन फ्रॉड मामले की जांच में तेजी के बीच अनिल अंबानी समूह की कंपनियों पर बाजार का भरोसा लगातार कमजोर हो रहा है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में लगातार छठे दिन गिरावट देखने को मिली है। बीते छह कारोबारी सत्रों में दोनों कंपनियों...
बिजनेस डेस्कः लोन फ्रॉड मामले की जांच में तेजी के बीच अनिल अंबानी समूह की कंपनियों पर बाजार का भरोसा लगातार कमजोर हो रहा है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में लगातार छठे दिन गिरावट देखने को मिली है। बीते छह कारोबारी सत्रों में दोनों कंपनियों के शेयरों में कुल मिलाकर करीब 19% की गिरावट दर्ज की गई है।
ईडी की 10 घंटे लंबी पूछताछ
मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी से लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की। यह पूछताछ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई, जिसमें उनका बयान दर्ज किया गया। सूत्रों के मुताबिक, अंबानी से दर्जनों सवाल पूछे गए। उन्होंने किसी भी तरह की वित्तीय गड़बड़ी से इनकार किया और बताया कि उनकी कंपनियां समय-समय पर SEBI को अपनी वित्तीय स्थिति की जानकारी देती रही हैं।
ईडी ने उन्हें सात दिन के भीतर आवश्यक दस्तावेज जमा कराने को कहा है। इसके अलावा रिलायंस समूह के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी पूछताछ की तैयारी चल रही है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला अनिल अंबानी की कई कंपनियों द्वारा कथित रूप से 17,000 करोड़ रुपए से अधिक के ऋणों में गड़बड़ी से जुड़ा है। जांच में 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा दिए गए लगभग ₹3,000 करोड़ के "अवैध" ऋण का मामला प्रमुख रूप से सामने आया है। ईडी को संदेह है कि ऋण मिलने से ठीक पहले यस बैंक से जुड़े कुछ प्रमोटरों ने संबंधित कंपनियों में पैसे ट्रांसफर किए थे। एजेंसी को शक है कि इसमें रिश्वतखोरी और साजिश का नेटवर्क शामिल है, जिसकी तह तक जाने के लिए जांच तेज कर दी गई है।