बैंकों की तरह फ्लैट मालिक भी बिल्डरों पर कर सकेंगे दावा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Aug, 2017 09:10 AM

like banks  apartment owners able to claim builders

संकट में फंसी रियल एस्टेट कम्पनियों जे.पी. इन्फ्राटैक और आम्रपाली की परियोजनाओं में फ्लैट के ...

नई दिल्ली: संकट में फंसी रियल एस्टेट कम्पनियों जे.पी. इन्फ्राटैक और आम्रपाली की परियोजनाओं में फ्लैट के खरीदारों को इस खबर से थोड़ी राहत मिल सकती है। इन परियोजनाओं में अब तक फ्लैट का कब्जा नहीं पाने वाले लोग या जिनके फ्लैट नहीं बने हैं वे लोग इन कम्पनियों से अपना पैसा लौटाने को कह सकते हैं। ऋण शोधन नियामक उनके लिए विशेष प्रावधान ला रहा है। भारतीय ऋण शोधन एवं दिवालिया बोर्ड (आई.बी.बी.आई.) ने कहा कि फ्लैट मालिकों को ऋणदाताओं की समिति में शामिल किया जा सकता है और वे उतनी रकम का दावा कर सकते हैं जितने का उन्होंने बिल्डरों को भुगतान किया है।

उनके दावे को बैंकों या ऋणदाताओं के तौर पर माना जाएगा और उन्हें प्राथमिकता सूची में नीचे नहीं धकेला जाएगा। पहले केवल उन्हें ही वित्तीय ऋणदाता के तौर पर माना गया था जिनकी बुकिंग तयशुदा रिटर्न के साथ की गई थी। जिन्होंने तयशुदा रिटर्न के साथ बुकिंग नहीं करवाई थी उन्हें वित्तीय ऋणदाता नहीं माना गया था। इस खंड में फ्लैट मालिक शामिल हैं जो रियल एस्टेट डिवैल्परों के खिलाफ दिवालिया मामला दायर नहीं कर सकते हैं। उनके लिए ऋण शोधन नियामक ने फार्म एफ. की पेशकश की है, जिसे वे भर सकते हैं।

JP और आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों को मिलेगी राहत
हालांकि अब भी वे दिवालिया मामला दायर नहीं कर सकते। इससे पहले इसे लेकर असमंजस की स्थिति थी कि राष्ट्रीय कम्पनी लॉ पंचाट (एन.सी.एल.टी.) में कम्पनी का मामला दायर होने के बाद फ्लैट मालिक कहां अपना दावा करेंगे। इस मसले पर जे.पी. के करीब 32,000 मकान खरीदारों के साथ ही आम्रपाली समूह के करीब 30,000 फ्लैट मालिक खासी परेशानी में फंसे हैं। जे.पी. इंफ्राटैक उन 12 बड़े कॉर्पोरेट कर्ज डिफॉल्टरों में शामिल है जिनके खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवालिया प्रक्रिया चलाने के आदेश दिए हैं। 

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