300 मिलियन पाउंड का झटका! साइबर हमले के बाद मार्क्स एंड स्पेंसर ने TCS संग खत्म किया कॉन्ट्रैक्ट

Edited By Updated: 28 Oct, 2025 03:28 PM

marks  spencer terminates contract with tcs after cyber attack

ब्रिटेन की रिटेल दिग्गज मार्क्स एंड स्पेंसर (Marks & Spencer) ने भारत की आईटी दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के साथ अपना आईटी सर्विस डेस्क कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया है। कंपनी ने यह फैसला उस भारी साइबर अटैक के बाद लिया है, जिसने इस साल की...

बिजनेस डेस्कः ब्रिटेन की रिटेल दिग्गज मार्क्स एंड स्पेंसर (Marks & Spencer) ने भारत की आईटी दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के साथ अपना आईटी सर्विस डेस्क कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया है। कंपनी ने यह फैसला उस भारी साइबर अटैक के बाद लिया है, जिसने इस साल की शुरुआत में उसके कारोबार को झटका दिया था। इस हमले से एमएंडएस को करीब 300 मिलियन पाउंड (लगभग 3,200 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ, ऑनलाइन साइट बंद हो गई और कई दुकानों में सामान की कमी हो गई।

टीसीएस एक बड़ी आईटी कंपनी है, जो टाटा ग्रुप का हिस्सा है। ये 55 देशों में काम करती है, 6 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं और जगुआर लैंड रोवर, ब्रिटिश एयरवेज, बूट्स जैसी कंपनियों को सर्विस देती है लेकिन इस घटना ने आउटसोर्सिंग के जोखिमों को सबके सामने ला दिया।

साइबर अटैक से हिली एमएंडएस की नींव

अप्रैल 2025 में हुए इस साइबर अटैक के पीछे Scattered Spider नाम का हैकर ग्रुप था। उन्होंने सोशल इंजीनियरिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए टीसीएस के कर्मचारियों को फोन किया और खुद को एमएंडएस का स्टाफ बताकर लॉगिन पासवर्ड और रीसेट कोड हासिल कर लिए। इन क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल कर हैकर्स ने कंपनी के नेटवर्क में सेंध लगा दी और DragonForce नामक रैनसमवेयर के जरिए डेटा लॉक कर दिया। इसके बाद उन्होंने डेटा डिक्रिप्शन और लीक रोकने के लिए फिरौती मांगी।

एमएंडएस को ग्राहकों का डेटा चोरी होने की पुष्टि करनी पड़ी और कंपनी ने उपभोक्ताओं को फिशिंग और स्कैम ईमेल्स से सावधान रहने की सलाह दी।

TCS ने दी सफाई

टीसीएस का कहना है कि इस घटना में उसके अपने सिस्टम या नेटवर्क पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि कंपनी केवल आईटी सपोर्ट सेवाएं देती थी, साइबर सिक्योरिटी की जिम्मेदारी किसी अन्य वेंडर की थी। एमएंडएस ने भी स्पष्ट किया कि नए टेंडर की प्रक्रिया जनवरी 2025 से शुरू हो गई थी और साइबर अटैक का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त करने से सीधा संबंध नहीं है।

आउटसोर्सिंग में बढ़ता जोखिम

इस घटना ने रिटेल और आईटी सेक्टर में एक बड़ी बहस छेड़ दी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंपनियां जब अपने आईटी ऑपरेशंस आउटसोर्स करती हैं, तो वेंडर्स को सिस्टम की गहरी पहुंच दे देती हैं— यही साइबर सुरक्षा की सबसे कमजोर कड़ी बन जाती है। हेल्प डेस्क या पासवर्ड रीसेट जैसी प्रक्रियाओं में “ह्यूमन एरर” का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

1 बिलियन पाउंड का मार्केट कैप नुकसान

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साइबर अटैक से मार्क्स एंड स्पेंसर को 300 मिलियन पाउंड का ऑपरेटिंग प्रॉफिट लॉस और 1 बिलियन पाउंड तक का मार्केट कैप गिरावट झेलनी पड़ी।

कंपनी अब अपने नेटवर्क की सुरक्षा मजबूत करने में जुटी है और आउटसोर्स वेंडर्स की एक्सेस पॉलिसी पर कड़े नियम लागू कर रही है। वहीं, टीसीएस जैसे वैश्विक आईटी प्रदाताओं के लिए यह मामला एक बड़ा चेतावनी संकेत बन गया है कि डिजिटल दुनिया में अब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि मानव सतर्कता ही असली सुरक्षा कवच है।
 

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