Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jan, 2024 12:29 PM
एक फरवरी को देश का नया बजट पेश होने वाला है। 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सेशन के दूसरे दिन यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चुनावों से पहले अंतरिम बजट पेश करेंगी। इस बजट से देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले एमएसएमई सेक्टर को...
बिजनेस डेस्कः एक फरवरी को देश का नया बजट पेश होने वाला है। 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सेशन के दूसरे दिन यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चुनावों से पहले अंतरिम बजट पेश करेंगी। इस बजट से देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले एमएसएमई सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं।
एमएसएमई सेक्टर यानी माइक्रा, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की बात करें तो देश की अर्थव्यवस्था में इसका बड़ा योगदान है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की कुल जीडीपी में अकेले इस सेक्टर ने 29.15 फीसदी का योगदान दिया था। मतलब भारत की अर्थव्यवस्था का लगभग एक तिहाई हिस्सा एमएसएमई सेक्टर से आ रहा है। ऐसे में यह सेक्टर ओवरऑल पूरी अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
फंडिंग के मोर्चे पर MSME की उम्मीदें
एमएसएमई सेक्टर के सामने सबसे बड़ी समस्या आती है फंडिंग की। इस सेक्टर को इंस्टीट्यूशनल क्रेडिट की कमी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इंडस्ट्री एक्सपर्ट उम्मीद कर रहे हैं कि अंतरिम बजट में एमएसएमई के लिए ब्याज दरों पर प्रोत्साहन, क्रेडिट गारंटी स्कीम और फंडिंग के विकल्पों में विस्तार जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
5-ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लिए अहम
सरकार ने देश को अगले साल तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। अभी भारत की अर्थव्यवस्था का साइज करीब 3.75 ट्रिलियन डॉलर है. 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का लक्ष्य पाने में एमएसएमई का योगदान काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। इस कारण भी मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के इस अंतरिम बजट से एमएसएमई के लिए बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है।