Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Nov, 2018 11:17 AM
पिछले वित्त वर्ष में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा सामाजिक दायित्व कोष के तहत रखी गई 1,717 करोड़ रुपए की राशि बिना खर्च के पड़ी रह गई। एक साल पहले के मुकाबले यह राशि 9 प्रतिशत अधिक है।
मुंबईः पिछले वित्त वर्ष में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा सामाजिक दायित्व कोष के तहत रखी गई 1,717 करोड़ रुपए की राशि बिना खर्च के पड़ी रह गई। एक साल पहले के मुकाबले यह राशि 9 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कंपनियों के सीएसआर खर्च में वर्ष के दौरान 11 प्रतिशत वृद्धि हुई और यह 10,030 करोड़ रुपए रही है।
प्राइम डाटा बेस की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार कंपनियों के लिए अनिवार्य कंपनी सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत बिना खर्च के पड़ी राशि बढ़कर 1,717 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। एक साल पहले ऐसी राशि 1,574 करोड़ रुपए थी। एजेंसी ने हालांकि, बिना खर्च के पड़ी राशि बढऩे के बारे में कोई खास वजह नहीं बताई। हालांकि माना जा रहा है कि इसकी वजह तीसरे पक्ष की एजेंसी की तरफ से धन की मांग नहीं होना हो सकता है अथवा यह इन कंपनियों के मुनाफे में हुई वृद्धि की वजह से अतिरिक्त राशि है जो उपलब्ध हुई।
नए कंपनी अधिनियम 2013 में सालाना 500 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार करने वाली और कम से कम 100 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि उनका दो प्रतिशत मुनाफा सामाजिक दायित्व के कार्यों के लिए रखा जाए। एनएसई में सूचीबद्ध 1,708 कंपनियों में से केवल आधी कंपनियों में ही सीएसआर समितियां हैं जबकि कंपनी कानून में इसके लिए प्रावधान किया गया है।
हालांकि, दो प्रतिशत अनिवार्य सीएसआर के दायरे में आने वाले एनएसई में सूचीबद्ध 1,080 कंपनियों का सीएसआर खर्च 2017- 18 में 11 प्रतिशत बढ़कर 10,030 करोड़ रुपए हो गया। एक साल पहले यह खर्च 9,060 करोड़ रुपए था। अनिवार्य सीएसआर खर्च प्रावधान लागू होने के बाद पिछले चार साल के दौरान एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के खर्च में सालाना 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।