GST दरों को तर्कसंगत बनाने की संभावना से इनकार नहीं है: राजस्व सचिव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 07:18 PM

not ruling out rationalisation of gst rates  revenue secretary

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के तहत तय विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कर दरों को तर्कसंगत बनाने की संभावना से इनकार नहीं है।

बैंगलूरः राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के तहत तय विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कर दरों को तर्कसंगत बनाने की संभावना से इनकार नहीं है। उद्योग के साथ जी.एस.टी. पर परिचर्चा में अधिया ने कहा, ‘‘एक चीज पर हम सभी में सहमति होनी चाहिए कि विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कर दरों को तर्कसंगत बनाने की गुंजाइश जरूर है।’’ सरकार जी.एस.टी. को एक जुलाई से लागू करने की तैयारी कर रही है। 

केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की चेयरपर्सन वनाजा सरना ने भी कल कहा था कि यदि उचित होगा, तो जी.एस.टी. परिषद कर दरों में संशोधन कर सकती है। विभिन्न उद्योग, कंपनियां और व्यापारी तथा एफएमसीजी और वाहन क्षेत्र ने सरकार से जी.एस.टी. दरों में संशोधन की अपील की है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के प्रतिनिधियों की चिंता पर अधिया ने कहा कि परिषद की 3 जून को होने वाली बैठक में खाद्यान्न विशेषरूप से गेहूं और चावल की दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा।   

उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री अरुण जेतली पहले ही इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि यह मुद्दा जी.एस.टी. परिषद के पास लंबित है। इस पर फैसला लिया जाएगा। हम इस बात को समझते हैं कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है।’’ अधिया ने कहा कि यदि इन उत्पादों को कर मुक्त श्रेणी में रखा जाएगा तो खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि परिषद ब्रांडिंग की परिभाषा पर विचार बनाएगी।   

वित्तीय सेवा क्षेत्र के प्रतिनिधियों द्वारा जताई जा रही चिंता पर अधिया ने इन आशंकाओं को खारिज किया कि जी.एस.टी. के क्रियान्वयन से ऋण महंगा होगा। उन्होंने कहा वित्तीय सेवा क्षेत्र में इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि ऋण महंगा हो जाएगा, लेकिन एेसी बात नहीं है। अधिया ने यह भी कहा कि जी.एस.टी. से भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 4 प्रतिशत से अधिक बढ़ सकती है क्योंकि यह नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था सुगम और आसानी से अनुमान लगाने योग्य है। इससे लोगों में कर अनुपालन बढ़ेगा।  
 

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