Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 03:45 PM
बैंकरप्सी कानून को और सख्त बनाने के लिए अध्यादेश को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत दिवालिया कंपनियों के प्रोमोटरों की मुश्किल बढ़ेगी। माना जा रहा है कि इसके बाद अब डिफॉल्टर्स किसी भी कंपनी के लिए बिडिंग नहीं कर सकेंगे। इस...
नई दिल्लीः बैंकरप्सी कानून को और सख्त बनाने के लिए अध्यादेश को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत दिवालिया कंपनियों के प्रोमोटरों की मुश्किल बढ़ेगी। माना जा रहा है कि इसके बाद अब डिफॉल्टर्स किसी भी कंपनी के लिए बिडिंग नहीं कर सकेंगे। इस फैसले को पीएसयू बैंकों के लिए राहत की खबर माना जा रहा है।
शीतकालीन सत्र में पेश होगा अध्यादेश
कैबिनेट ने बुधवार को ही इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड में संशोधन के लिए एक अध्यादेश लाने को मंजूरी दी थी। सूत्रों के मुताबिक इस अध्यादेश को राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई है। अब इस अध्यादेश को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक चलेगा।
प्रमोटर्स की बढ़ेंगी मुश्किलें
अध्यादेश लागू होने से डिफॉल्टर कंपनियों के प्रमोटर्स की मुश्किलें बढ़ेंगी और वह दोबारा कंपनियों में हिस्सेदारी नहीं खरीद पाएंगे। वहीं बैंकरप्सी प्रक्रिया से गुजर रहे भूषण स्टील, मोनेट इस्पात जैसी कंपनियों के लिए इसे बुरी खबर माना जा रहा है।