भारतीय रुपए को इंटरनेशनल करंसी बनाने के लिए RBI ने बनाया मास्टर प्लान

Edited By Seema Sharma,Updated: 06 Jul, 2023 02:36 PM

rbi made a plan to make indian rupee an international currency

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एक समिति ने बुधवार को रुपए को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनाने के लिए कई अल्पकालीन और दीर्घकालीन सुझाव दिये।

बिजनेस डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एक समिति ने बुधवार को रुपए को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बनाने के लिए कई अल्पकालीन और दीर्घकालीन सुझाव दिये। इन सुझावों में घरेलू रुपये में विदेशी लेनदेन की भारतीय बैंकों को मंजूरी देने, प्रवासी नागरिकों को रूपया खाता खोलने की अनुमति और मसाला बांड पर होने वाली कर कटौती को वापस लेना शामिल हैं। आरबीआई के कार्यकारी निदेशक आर एस राठो की अध्यक्षता वाले अंतर विभागीय समूह (IDG) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण एक घटना न होकर एक प्रक्रिया है और इसके लिए अतीत में उठाये गये सभी कदमों को आगे बढ़ाने के लिये निरंतर प्रयास करने की जरूरत है। समिति ने भारतीय रुपए को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) समूह में शामिल करने और सीमापार व्यापारिक लेनदेन के लिए आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) का अंतर्राष्ट्रीय इस्तेमाल करने के सुझाव भी दिए हैं। इसके अलावा रुपए में व्यापार निपटान के लिए निर्यातकों को युक्तिसंगत प्रोत्साहन देने की भी सिफारिश की गई है।

 

एसडीआर मुद्राकोष के सदस्य देशों के आधिकारिक मुद्रा भंडार के पूरक के तौर पर बनाई गई एक अंतर्राष्ट्रीय आरक्षित संपत्ति है। एसडीआर समूह से किसी देश को जरूरत के समय नकदी दी जाती है। एसडीआर में अमेरिकी डॉलर, यूरो, चीनी युआन, जापानी येन और ब्रिटिश पाउंड शामिल हैं। आईडीजी ने कहा है कि देश के बाहर रुपये में खाता खोलने की क्षमता भारतीय मुद्रा के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए बुनियादी घटक है। इसके लिए देश के बाहर प्रवासियों (विदेशी बैंकों को छोड़कर) के लिये रुपया खाता खोलने की मंजूरी अधिकृत डीलरों की विदेशी शाखाओं को दी जा सकती है। हालांकि इस व्यवस्था की समीक्षा के बाद आगे चलकर यह मंजूरी किसी भी विदेशी बैंक को देने पर विचार किया जा सकता है।

 

समिति ने अल्पकालिक उपायों के तौर पर भारतीय रुपए और स्थानीय मुद्राओं में बिल बनाने, निपटान और भुगतान को लेकर द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था पर प्रस्तावों की जांच करने का सुझाव दिया है। समिति ने सीमापार लेनदेन के लिए अन्य देशों के साथ भारतीय भुगतान प्रणालियों को एकीकृत करने और वैश्विक स्तर पर पांचों कारोबारी दिन 24 घंटे काम करने वाले भारतीय रुपया बाजार को बढ़ावा देकर वित्तीय बाजारों को मजबूत करने का सुझाव दिया है। साथ ही भारत को रुपये में लेनदेन और मूल्य खोज के केंद्र के रूप में बढ़ावा देने की भी सिफारिश की है। रिपोर्ट के मुताबिक, एफपीआई व्यवस्था को व्यवस्थित करने और मौजूदा 'अपने ग्राहक को जानें' (KYC) दिशानिर्देशों को तर्कसंगत बनाने तथा रुपए में व्यापार निपटान के लिए निर्यातकों को प्रोत्साहन देने की भी आवश्यकता है।

 

समिति ने मध्यम अवधि की रणनीति के तहत मसाला बॉन्ड (विदेशों में रुपए मूल्य में जारी होने वाले बॉन्ड) पर विदहोल्डिंग टैक्स (स्रोत पर कर कटौती) को वापस लेने का भी सुझाव दिया है। साथ ही सीमापार व्यापारिक लेनदेन के लिये आरटीजीएस के अंतर्राष्ट्रीय उपयोग तथा सतत संबद्ध निपटान (सीएलएस) प्रणाली के अंतर्गत प्रत्यक्ष निपटान मुद्रा के रूप में रुपए को शामिल करने की जरूरत बताई गई है। सीएलएस व्यवस्था विदेशी मुद्रा लेनदेन के निपटान से जुड़े जोखिम को कम करने के लिये तैयार की गयी है। इसके अलावा, भारत और अन्य वित्तीय केंद्रों की कर व्यवस्थाओं में सामंजस्य स्थापित करने को लेकर वित्तीय बाजारों में कराधान के मुद्दों पर गौर करना और भारतीय बैंकों की विदेशों में स्थित शाखाओं के माध्यम से भारतीय रुपये में बैंक सेवाओं की अनुमति देने का भी सुझाव दिया गया है।

 

रिजर्व बैंक के इस अंतर-विभागीय समूह का गठन दिसंबर 2021 में किया गया था। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में रुपये की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करना और भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण को लेकर एक रूपरेखा बनाना था। आरबीआई ने कहा कि यह रिपोर्ट और इसकी सिफारिशें अंतर-विभागीय समूह की सोच है और किसी भी तरह से केंद्रीय बैंक के आधिकारिक रुख को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इन सिफारिशों को क्रियान्वित करने के लिये उस पर गौर किया जाएगा।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!