Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Aug, 2018 05:44 PM
सोमवार को तुर्की की मुद्रा ''लीरा'' ऐतिहासिक निम्नतम स्तर पर आ गई है, जिससे दुनियाभर के बाजारों में खलबली मच गई। इसकी मुख्य वजह देश की अर्थव्यवस्था और अमेरिका के साथ लगातार खराब हो रहे संबंध है।
नई दिल्लीः सोमवार को तुर्की की मुद्रा 'लीरा' ऐतिहासिक निम्नतम स्तर पर आ गई है, जिससे दुनियाभर के बाजारों में खलबली मच गई। इसकी मुख्य वजह देश की अर्थव्यवस्था और अमेरिका के साथ लगातार खराब हो रहे संबंध है। एशिया में सुबह के कारोबार में लीरा में 11 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं इसका असर भारतीय मुद्रा पर भी देखने को मिला है। आज भारतीय रुपया भी नए निचले स्तर के साथ खुला है। रुपया डॉलर के मुकाबले 69.47 पर खुला और कुछ ही मिनटों में इसने 69.50 का स्तर पार कर लिया।
तुर्की में क्या हुआ?
सोमवार को लीरा यूएस डॉलर के मुकाबले 12 फीसदी टूट गया जबकि शुक्रवार को उसमें 16 फीसदी की गिरावट आई थी। वहीं, पूरे सप्ताह की ट्रेडिंग में लीरा 20 फीसदी कमजोर हो गया। इतना ही नहीं, पिछले 12 महीनों में डॉलर के मुकाबले लीरा का भाव आधा रह गया। साथ ही सोमवार को शुरूआती कारोबार में जापान का निक्केई 1.60 फीसदी की गिरावट के साथ 21,941 पर, चीन का शांघाई 1.19 फीसदी की गिरावट के साथ 2761 पर, हैंगसेंग 1.55 फीसदी की गिरावट के साथ 27,928 पर और ताइवान का कॉस्पी 1.32 फीसदी की गिरावट के साथ 2252 पर कारोबार कर रहा था।
इस साल अब तक लीरा की वैलेयू में 40 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तइप एर्दोगन ने इस संकट से उबरने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाओं को खारिज किया है। साथ ही उन्होंने अमेरिका को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
क्यों गिर रहा है लीरा?
दरअसल, तुर्की की अर्थव्यवस्था इस वक्त उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। इस बीच शुक्रवार (10 अगस्त) को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने तुर्की से आने वाले स्टील और ऐल्युमिनियम पर आयात शुल्क दोगुना कर दिया। अमेरिका के इस कड़े रुख की वजह से निवेशकों में भगदड़ मच गई है।