Edited By Tanuja,Updated: 14 Dec, 2025 12:37 PM

रूस ने शुक्रवार को यूक्रेन के चोर्नोमोर्स्क बंदरगाह पर ताजा हमले किए, जिसमें तुर्की के स्वामित्व वाले कम से कम तीन जहाज क्षतिग्रस्त हो गए। यह हमला ऐसे समय हुआ जब तुर्की सीमित युद्धविराम की अपील कर रहा था, जिससे काला सागर में तनाव और बढ़ गया।
International Desk: यूक्रेन-रूस युद्ध में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। शुक्रवार को रूस ने यूक्रेन के चोर्नोमोर्स्क बंदरगाह पर ताजा हमले किए, जिनमें तुर्की के स्वामित्व वाले कम से कम तीन जहाज क्षतिग्रस्त हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो फुटेज में देखा गया कि कैसे एक प्रोजेक्टाइल सीधे बंदरगाह पर खड़े एक जहाज से टकराया। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, क्षतिग्रस्त जहाजों में एक ऐसा पोत भी शामिल है, जो खाद्य आपूर्ति लेकर जा रहा था। इन हमलों को काला सागर क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता और रूस की आक्रामक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
यह हमला ऐसे समय हुआ, जब तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत में बंदरगाहों और ऊर्जा ठिकानों को शामिल करते हुए एक सीमित युद्धविराम की बात कही थी, ताकि हालात को शांत किया जा सके। हालांकि, रूस के हमले ने तुर्की की इस शांति पहल को झटका दे दिया। तुर्की सरकार ने पुष्टि की है कि चोर्नोमोर्स्क बंदरगाह पर तुर्की के जहाजों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन राहत की बात यह है कि इस हमले में किसी भी तुर्की नागरिक के घायल होने की सूचना नहीं है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ये हमले रूस की उस हालिया धमकी के बाद हुए हैं, जिसमें उसने यूक्रेन को समुद्र से पूरी तरह काटने की चेतावनी दी थी। यह धमकी तब सामने आई थी, जब यूक्रेन ने रूस की तथाकथित “शैडो फ्लीट” को निशाना बनाया था जिसका इस्तेमाल रूस तेल निर्यात के जरिए युद्ध के लिए फंड जुटाने में करता है। काला सागर में बढ़ते ये हमले न केवल यूक्रेन की अर्थव्यवस्था और वैश्विक खाद्य आपूर्ति के लिए खतरा हैं, बल्कि तुर्की जैसे क्षेत्रीय देशों के लिए भी गंभीर सुरक्षा चिंता बनते जा रहे हैं।