Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Dec, 2021 05:50 PM
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष जे बी मोहपात्रा ने अंतरराष्ट्रीय कर ढांचा में सुधार करने की आवश्यकता बताते हुए कहा है कि भारतीय व्यापार को वैश्विक कर के अनुरूप बनाने की प्रक्रिया को टाला नहीं जा सकता है। मोहपात्रा ने उद्योग संगठन...
नई दिल्लीः केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष जे बी मोहपात्रा ने अंतरराष्ट्रीय कर ढांचा में सुधार करने की आवश्यकता बताते हुए कहा है कि भारतीय व्यापार को वैश्विक कर के अनुरूप बनाने की प्रक्रिया को टाला नहीं जा सकता है। मोहपात्रा ने उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का अंतरराष्ट्रीय कर ढांचा और प्रक्रिया व्यापार के ब्रिक्स एवं मोटरर मॉडल जैसा है।
कारोबार करने के तेजी से बदलाव हो रहे तौर तरीकों को अपनाया गया है लेकिन आने वाने समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए अब इसमें बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बहुस्तरीय सहयोग के लिए फ्रेमवर्क समझौता होते हैं। उन्होंने कहा कि बीईपीएस पिलर एक और पिलर दो पर चर्चा जारी है और शीघ्र की कराधान के मामले में रूख स्पष्ट हो जाएगा। मोहपात्रा ने कहा कि भारत का राजस्व लक्ष्य को हासिल करने में इससे मदद मिलेगी। पिलर दो से ही भारत को 50 अरब डॉलर का राजस्व मिल सकता है।