Middle class के आएंगे 'अच्छे दिन'! टैक्स में राहत के साथ बजट में मिल सकता है खास तो​हफा

Edited By vasudha,Updated: 28 Jan, 2020 11:27 AM

relief in tax rates can be special in budget

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सप्ताह पेश किये जाने वाले अपने बजट में मध्यम वर्ग को आयकर में छूट के साथ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तरह स्वास्थ्य बीमा का सौगात दे सकती हैं। आर्थिक मामलों के जानकारों की मानें तो आगामी बजट में मांग और खपत बढ़ाने...

बिजनेस डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सप्ताह पेश किये जाने वाले अपने बजट में मध्यम वर्ग को आयकर में छूट के साथ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तरह स्वास्थ्य बीमा का सौगात दे सकती हैं। आर्थिक मामलों के जानकारों की मानें तो आगामी बजट में मांग और खपत बढ़ाने के लिये सरकार पांच लाख रुपये तक की आय को करमुक्त कर सकती है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है ताकि अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर लाभ उपलब्ध कराया जा सके।

PunjabKesari

आयकर में राहत देने की उम्मीद 
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक इस समय अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मांग और खपत बढ़ाने की आवश्यकता है। मांग बढ़ने से ही आर्थिक गतिविधियों में तेजी आयेगी। इसके लिये पूंजीगत खर्च बढ़ाने के साथ ही आम आदमी की जेब में अधिक पैसा होना जरूरी है। सरकार पूंजीगत खर्च के मोर्चे पर कई ढांचागत योजनाओं पर काम कर रही है। इसके साथ ही आम नौकरीपेशा लोगों को आयकर में राहत दी जानी चाहिये ताकि उनकी जेब में खर्च करने के लिये अधिक पैसा बचे। बेंगलुरु स्थित इंस्टिट्यूट फॉर सोशल एंड इकनॉमिक चेंज के प्रोफेसर डा. प्रमोद कुमार ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती दूर करने के लिये सरकार को सुधारों को बढ़ाने के साथ ही रोजगार सृजन के उपाय करने और पूंजीगत खर्च बढ़ाने की जरूरत है। इससे लोगों की जेब में अधिक पैसा आएगा और मांग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग खासकर नौकरीपेशा निश्चित रूप से आयकर में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। इस समय अर्थव्यवस्था में मौजूदा नरमी का कारण मांग में कमी है न कि आपूर्ति। ऐसे में मूल व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर मध्यम वर्ग को कर राहत दी जा सकती है।

PunjabKesari

आम आदमी की जेब पर से कम हो बोझ 
फिलहाल 2.50 से 5 लाख रुपये तक 5 प्रतिशत, 5 से 10 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगता है। इसके अलावा 5 लाख रुपये तक की आय वाले को 12,500 रुपये की छूट दी गयी है। यानी 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। हैदराबाद स्थित इंस्टिट्यूट आफ एडवांस्ड स्टडीज इन कम्पलेक्स चॉइसेस (आईएएससीसी) के प्रोफेसर एवं अर्थशास्त्री अनिल सूद ने भी कहा कि वेतन भोगियों पर प्रत्यक्ष कर का बोझ कम किया जाना चाहिये। स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्र में खर्च बढ़ने का बचत पर असर पड़ रहा है इसलिये बचत दर और मांग बढ़ाने के लिये वित्त मंत्री को व्यक्तिगत आयकर में राहत पहुंचानी चाहिये। हालांकि, पिछले बजट में वित्त मंत्री ने करदाताओं को बड़ी राहत देते हुये उनकी पांच लाख रुपये तक की कर योग्य आय होने पर उन्हें आयकर से पूरी तरह छूट दे दी थी लेकिन आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था। इस बार विशेषज्ञों का मानना है कि आयकर स्लैब में बदलाव किया जा सकता है और पांच लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त किया जा सकता है।  कुमार ने यह भी कहा है कि आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत जीवन बीमा प्रीमियम, ट्यूशन फीस और अन्य बचत पर मौजूदा डेढ लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने की आवश्यकता है। इससे वेतनभोगी तबके की जेब में अधिक धन बचेगा और अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी।

PunjabKesari

स्वास्थ्य बीमा का मिल सकता है लाभ 
इससे राजकोषीय घाटा पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि फिलहाल अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता मांग और निवेश में जो नरमी है, उससे निपटने की चुनौती है और इसके लिये मांग बढ़ाना जरूरी है। यह तभी होगा जब लोगों की क्रयशक्ति बढ़ेगी। ऐसे में वित्त मंत्री इस साल राजकोषीय घाटे को कड़ाई से पालन करने में थोड़ी ढील दे सकती हैं और खर्च बढ़ा सकती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2020-21 का आम बजट पेश करेंगी। सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को फिर से तेजी के रास्ते पर लाना उनके समक्ष बड़ी चुनौती होगी। चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर कम होकर 4.5 प्रतिशत रह गई। पूरे साल की वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है जो कि पिछले 11 साल में सबसे कम होगी। बजट में मध्यम वर्ग को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) की तर्ज पर स्वास्थ्य बीमा का भी लाभ मिल सकता है। फिलहाल इसमें देश के करीब 10.74 करोड़ गरीब परिवार को सरकारी और निजी अस्पतालों में गंभीर बीमारी के इलाज के लिये 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलता है। श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ के महासचिव बृजेश उपाध्याय ने कहा कि हम लंबे समय से सभी के लिये पेंशन और स्वास्थ्य बीमा सुविधा उपलब्ध कराये जाने की मांग कर रहे हैं। सरकार गरीब तबके के लिये स्वास्थ्य बीमा योजना चला रही है इस बजट में इस योजना का लाभ मध्यम वर्ग को भी दिया जा सकता है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!