Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Oct, 2023 02:05 PM
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है। यह सर्कुलर बाजार में उड़ रही अफवाहों पर कंपनियों के द्वारा रुख साफ करने से जुड़े नियमों को लेकर है।
नई दिल्लीः भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है। यह सर्कुलर बाजार में उड़ रही अफवाहों पर कंपनियों के द्वारा रुख साफ करने से जुड़े नियमों को लेकर है।
सेबी ने सर्कुलर के जरिए लिस्टेड कंपनियों के लिए नए नियमों का पालन करने की समयसीमा को अगले साल तक के लिए बढ़ा दिया है। बता दें कि निवेशकों की हितों की रक्षा करने के लिए और उन्हें किसी भी अफवाह से बचाने के लिए सेबी ने लिस्टेड कंपनियों को समयसीमा का अनुपालन करने का समय दिया था।
सर्कुलर के अनुसार, मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों के लिए मेनस्ट्रीम मीडिया में रिपोर्ट की गई किसी भी बाजार अफवाह की पुष्टि, खंडन या स्पष्टीकरण की समय सीमा 1 फरवरी, 2024 तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले यह नियम इसी साल 1 अक्टूबर से लागू होने वाला था। इसी तरह, टॉप 250 लिस्टेड कंपनियों के लिए, नियम 1 अप्रैल, 2024 के बजाय 1 अगस्त, 2024 से लागू होगा।
सोमवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, इस आशय को देने के लिए, नियामक ने लिस्टिंग दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएं (LODR) नियमों में संशोधन किया है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इस नियम का उद्देश्य लिस्टेड कंपनियों के कॉर्पोरेट प्रशासन को मजबूत करना है।
जानें क्या है नया नियम
सेबी के डिस्क्लोजर से जुड़े इस नियम के मुताबिक, नए नियम उन मामलों को देखते हुए बनाए गए हैं जहां किसी खबर के कारण किसी कंपनी के स्टॉक में काफी तेजी के साथ उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। हालांकि ये खबर केवल अफवाह ही निकली और कंपनी के द्वारा खंडन करने के बाद कई निवेशकों को काफी नुकसान हुआ।
सेबी ने नए नियमों में कहा है कि ऐसी कोई खबर आती है जिसकी जानकारी कंपनी ने नहीं दी हौ और ये आम जनता के लिए उपलब्ध न हो लेकिन इसका असर कंपनी के स्टॉक पर देखने को मिल रहा हो तो ऐसी खबर के सामने आने के 24 घंटे के अंदर कंपनी को अपना पक्ष रखना होगा। कंपनी को या तो खबर की पुष्टि करनी होगी या फिर उसे खारिज करना होगा।
इस नियम के पालन करने से अफवाहों पर लगाम लगाई जा सकेगी। साथ ही लोगों को भ्रमित होने से भी बचाया जा सकेगा। कई बार ऐसे मामलें सामने आए हैं कि जब निवेशकों को अफवाहों के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि कंपनी ने झूठी खबरों को लेकर समय पर जानकारी नहीं दी।