भारत-ब्रिटेन FTA की राह में सामाजिक सुरक्षा बनी बाधा, दोनों देशों के बीच इस महीने होगी 14वें दौर की बातचीत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jan, 2024 02:00 PM

social security becomes a hindrance in the path of india uk fta

भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार करार (FTA) पर लंबे समय से चल रही बातचीत में सामाजिक सुरक्षा समझौते का मसला रोड़ा बन गया है। मामले की जानकारी रखने वाले बताते हैं कि ब्रिटेन एफटीए वार्ता में सामाजिक सुरक्षा समझौते को शामिल नहीं करना चाहता, जिस...

बिजनेस डेस्कः भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार करार (FTA) पर लंबे समय से चल रही बातचीत में सामाजिक सुरक्षा समझौते का मसला रोड़ा बन गया है। मामले की जानकारी रखने वाले बताते हैं कि ब्रिटेन एफटीए वार्ता में सामाजिक सुरक्षा समझौते को शामिल नहीं करना चाहता, जिस कारण बहुप्रती​क्षित व्यापार समझौते की राह में एक और अड़चन खड़ी हो गई है।

सामाजिक सुरक्षा करार सीमा पार जाने वाले कर्मचारियों या कुशल कामगारों के हितों की रक्षा के लिए दो देशों के बीच किए जाने वाले ​द्विपक्षीय समझौते होते हैं। इनसे सुनिश्चित होता है कि कामगारों को दोनों देशों में सामाजिक सुरक्षा के लिए योगदान नहीं करना पड़े। ऐसा योगदान मुख्य रूप से बीमा या पेंशन से संबं​​धित होता है।

दोनों देशों के बीच सामाजिक सुरक्षा समझौता भारत की प्रमुख मांगों में शुमार रहा है। यह जरूरी भी है क्योंकि अमेरिका के बाद ब्रिटेन ही भारत का दूसरा सबसे बड़ा सेवा निर्यात बाजार है। ब्रिटेन में बड़ी संख्या में आईटी पेशेवर काम रहे हैं और सामाजिक सुरक्षा समझौता नहीं होने से अस्थायी तौर पर काम करने वाले कर्मचारियों पर असर पड़ता है क्योंकि उन्हें दोनों देशों में सामाजिक सुरक्षा में योगदान देना पड़ता है।

मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया, ‘भारत सामाजिक सुरक्षा योगदान पर ब्रिटेन के साथ चर्चा कर रहा है। यह ब्रिटेन के लिए मुश्किल फैसला है क्योंकि इस पर वे राजी नहीं होते। मगर हम इस समझौते पर जोर दे रहे हैं। अभी इस दिशा में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है।’ दोनों देशों के बीच एफटीए पर बातचीत जनवरी, 2022 में शुरू हुई थी। भारत उससे कुछ साल पहले से ही ब्रिटेन के साथ सामाजिक सुरक्षा समझौता करने का प्रयास कर रहा है।

आईटी उद्योग की संस्था नैसकॉम के अनुसार सामाजिक सुरक्षा में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही 12 से 14 फीसदी के बीच अंशदान करते हैं। ब्रिटेन इसका विरोध इसलिए कर रहा है कि सामाजिक सुरक्षा समझौते से उसे ज्यादा लाभ नहीं होगा। 

व्यापार मंत्रालय के पूर्व अ​धिकारी और ​थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनी​शिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत को मुक्त व्यापार करार के दायरे में सामाजिक सुरक्षा समझौता शामिल करने के लिए पूरी जोर आजमाइश करनी चाहिए।

भारत का जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और कनाडा सहित करीब 20 देशों के साथ सामाजिक सुरक्षा समझौता है लेकिन ब्रिटेन के साथ इस दिशा में बातचीत ज्यादा आगे नहीं बढ़ी है। भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार करार के 14वें दौर की वार्ता इस महीने होनी है। दोनों पक्षों ने अगले महीने तक बातचीत पूरा करने की मंशा जताई है क्योंकि भारत और ब्रिटेन में अगले 3-4 महीनों में आम चुनाव होने हैं। 

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