केंद्र सरकार ने दिया बड़ा झटका, ईपीएफ की ब्याज दर घटी, यह चार दशक में सबसे कम

Edited By Pardeep,Updated: 04 Jun, 2022 03:00 AM

the central government gave a big blow the interest rate of epf decreased

सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के करीब पांच करोड़ अंशधारकों को वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज देने को मंजूरी दे दी है। चार दशकों में

नई दिल्लीः सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के करीब पांच करोड़ अंशधारकों को वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज देने को मंजूरी दे दी है। चार दशकों में यह ईपीएफ पर मिलने वाली सबसे कम ब्याज दर है। 
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इस साल मार्च में ही ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 2021-22 के लिये देय ब्याज दर को 2020-21 के 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1 प्रतिशत करने का निर्णय किया था। शुक्रवार को जारी ईपीएफओ कार्यालय आदेश के अनुसार श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 2021-22 के लिए ईपीएफओ अंशधारकों को 8.1 प्रतिशत ब्याज की मंजूरी मिलने के बारे में सूचना दी है। 

श्रम मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा था। सरकार से मंजूरी मिल जाने के बाद ईपीएफओ अब कर्मचारियों के ईपीएफ खातों में ब्याज राशि डालना शुरू करेगा। ईपीएफ जमा पर 8.1 प्रतिशत ब्याज 1977-78 के बाद सबसे कम है। उस समय ब्याज दर 8 प्रतिशत रही थी। सीबीटी में कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले न्यासी केई रघुनाथन ने कहा कि जिस गति से श्रम एवं वित्त मंत्रालयों ने ब्याज दर को मंजूरी दी है, कर्मचारियों को कोष की जरूरत को देखते हुए वह वास्तव में सराहनीय है। 

इससे उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा और अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। सीबीटी ने 2020-21 के लिये ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का निर्णय मार्च 2021 में किया था। वित्त मंत्रालय ने इसे अक्टूबर 2021 में मंजूरी दी। उसके बाद ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को 2020-21 के लिए 8.5 प्रतिशत की दर से ईपीएफ खातों में ब्याज डालने का निर्देश दिया था। ईपीएफओ ने 2019-20 के लिये मार्च 2020 में भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर सात साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत पर कर दिया था। इससे पहले, 2018-19 में यह 8.65 प्रतिशत था। 

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ ब्याज दर 2012-13 के बाद सबसे कम थी। उस समय इसे कम कर 8.5 प्रतिशत कर दिया गया था। ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को 2016-17 के लिये 8.65 प्रतिशत और 2017-18 के लिए 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था। इससे पहले, वित्त वर्ष 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत थी। जबकि 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 प्रतिशत थी। यह 2012-13 में दिये गये 8.5 प्रतिशत ब्याज से ज्यादा था। वित्त वर्ष 2021-12 में कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज 8.25 प्रतिशत रखा गया था।
 

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