Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Dec, 2021 09:21 PM
दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी वर्चुअल करेंसी (किप्टोकरेंसी) के प्रति युवा पीढ़ी का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है। भारत में इन मुद्राओं के भविष्य पर अनिश्चितता की तलवार लटक रही है मगर युवाओं में इसकी जरा भी परवाह नहीं दिख रही है। दुनिया में
बिजनेस डेस्कः दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी वर्चुअल करेंसी (किप्टोकरेंसी) के प्रति युवा पीढ़ी का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है। भारत में इन मुद्राओं के भविष्य पर अनिश्चितता की तलवार लटक रही है मगर युवाओं में इसकी जरा भी परवाह नहीं दिख रही है। दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी का प्रसार 'चौथी औद्योगिक क्रांति' भी मानी जा रही है। दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास लगातार कहते रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी मुख्य धारा का हिस्सा बनती हैं तो इसके 'गंभीर परिणाम' हो सकते हैं। आरबीआई चीन की तरह ही इन मुद्राओं पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना चाहता है और इन्हें निवेश का जरिया तक मानने को तैयार नहीं है।
संसद की वेबसाइट पर क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक मुद्रा डिजिटल मुद्रा नियमन विधेयक सूचीबद्ध जरूर किया गया था मगर शीतकालीन सत्र में इसे पेश नहीं किया गया। भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले सबसे अधिक लोग हो गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन मुद्राओं को लेकर अनिश्चितता बरकरार रहने के बावजूद भारत में इसकी लोकप्रियता कम होती नहीं दिख रही है।
विधि कंपनी शार्दूल अमरचंद मंगलदास में पार्टनर एवं वित्त-तकनीक प्रमुख शिल्पा मानकर अहलूवालिया कहती हैं, 'क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में आरबीआई की चिंता वाजिब है। अगर आभासी मुद्राओं को सामानांतर मुद्रा के तौर पर मान्यता दी जाती है तो देश में भुगतान प्रणाली पर प्रतिकूल असर हो सकता है।'
दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी बाजार पूंजीकरण नवंबर में 3 लाख करोड़ डॉलर से अधिक हो गया था। भारतीय निवेशकों ने बिटकॉइन, इथेरियम, लाइटकॉइन आदि आभासी मुद्राओं में 1,000 करोड़ डॉलर से अधिक निवेश किए हैं। इनमें खुदरा निवेशकों की संख्या अधिक रही है। पिछले एक वर्ष में इनमें कई आभासी मुद्राओं से 100 प्रतिशत से भी अधिक प्रतिफल मिला है।
आईटी उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था नैसकॉम का अनुमान है कि देश में क्रिप्टो परिसंपत्तियों में निवेश मौजूदा 6.6 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 15.6 अरब डॉलर हो जाएगा। ब्रोकरचूजर पोर्टल के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी में 10 करोड़ भारतीयों ने निवेश किया है, जो दुनिया में सर्वाधिक संख्या है। भारत के बाद इस मामले में अमेरिका दूसरे और रूस तीसरे स्थान पर है।